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Wednesday, March 16, 2022

Zodiac Sign : नाक पर रहता है गुस्सा, जिन लड़कियों की होती है ये राशि, मैरिड लाइफ में उठानी पड़ती है परेशानी

 

Zodiac Sign : नाक पर रहता है गुस्सा, जिन लड़कियों की होती है ये राशि, मैरिड लाइफ में उठानी पड़ती है परेशानी


जब किसी की राशि में कुंडली में मौजूद ग्रह कमजोर और अशुभ होते हैं तो क्रोध और अंहकार में वृद्धि होती है. इन राशि की लड़कियों में ये बात अधिक देखी जाती है.




Astrology, Zodiac Sign : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति की राशि उसके व्यक्तित्व और स्वभाव के बारे में जानकारी देती है. ज्योतिष शास्त्र में हर राशि के गुणों के बारे में बताया गया है. यही कारण है कि हर राशि का अपना एक विशेष गुण होता है.  जिन लड़कियों की ये राशि होती है, उन्हें गुस्सा बहुत जल्द आता है, जिस कारण इन्हें परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है. ये राशियां कौन सी हैं आइए जानते हैं-

मेष राशि (Aries)- इस राशि की लड़कियां काफी साहसी और ऊर्जावान होती हैं. इन्हें गुस्सा काफी जल्दी आता है. इन्हें छोटी सी बात भी बुरी लग जाती है. गुस्से में इन्हें अपने बोलने पर नियंत्रण नहीं रहता और ये सामने वाले को काफी कुछ भला-बुरा कह जाती हैं. इन्हें शांत करना काफी मुश्किल हो जाता है. इस राशि का स्वामी मंगल ग्रह है. अधिक गुस्सा आने के कारण कभी-कभी इन्हें दांपत्य जीवन में भी परेशानी उठानी पड़ती हैं. जिन लड़कियों का नाम चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ अक्षर से आरंभ होता है, उसकी राशि मेष होती है. 


लड़कियों की नाक पर रहता है गुस्सा

कर्क राशि (Cancer)- इस राशि की लड़कियां काफी जल्दी गुस्सा हो जाती हैं. ये काफी इमोशनल होती हैं. इन्हें जरा सी भी बात बुरी लग जाती है. गुस्से में ये अपने आप पर नियंत्रण नहीं रख पाती हैं और सामने वाले से अपना रिश्ता तक तोड़ सकती हैं. लव रिलेशन में इन्हें मुश्किल आती है. जिन लड़कियों का नाम ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो, वे से शुरु होता है, उनकी राशि कर्क होती है.


वृश्चिक राशि (Scorpio)- इस राशि की लड़कियां भी काफी गुस्सैल स्वभाव की होती हैं. इन्हें अपनी लाइफ अपने तरीके से जीना पसंद आता है. इन्हें ये बात बिल्कुल भी पसंद नहीं होती कि कोई भी इन पर हावी हो. अगर सामने वाला इनकी बातों को नहीं सुनता तो ये काफी गुस्सा हो जाती हैं. गुस्से में ये कुछ भी कह देती हैं. जिन लड़कियों का नाम इन अक्षर तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू से आरंभ होता है, उनकी राशि वृश्चिक होती है.


मकर राशि (Capricorn)-  इस राशि की लड़कियां काफी बुद्धिमान होती हैं. ये हर चीज में समझदारी दिखाती हैं. वैसे तो इन्हें जल्दी गुस्सा आता नहीं है लेकिन जब आता है तो बहुत ही तेज आता है. गुस्से में ये किसी को नहीं छोड़तीं. सामने वाले को इतना भला-बुरा कह देती हैं कि इनका रिलेशन टूटने तक की संभावना रहती है. जिन लड़कियों का नाम भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी, है, से शुरु होता है उनकी मकर राशि होती है.



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इन नाम की लड़कियां Best Wife होती हैं साबित, पति को बनाती हैं धनवान और समृद्ध

 

इन नाम की लड़कियां Best Wife होती हैं साबित, पति को बनाती हैं धनवान और समृद्ध




जिन लड़कियों का नाम इन अक्षर से शुरू होता है वो भाग्यशाली होती हैं। अपने पति की किस्मत चमकाने वाली मानी जाती हैं। उनकी खुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार रहती हैं।

ज्योतिष शास्त्र अनुसार नाम का हमारी किस्मत पर गहरा प्रभाव पड़ता है। नाम के पहले अक्षर से किसी भी व्यक्ति के जीवन से जुड़ी दिलचस्प बातें जानी जा सकती हैं। आज यहां हम बात करेंगे ऐसे 3 अक्षरों के बारे में जिनसें शुरू होने वाले नाम की लड़कियां किस्मत की धनी मानी जाती हैं। इन्हें जीवन में सभी सुख सुविधाएं प्राप्त होती हैं। ये अपने पति से बेहद प्यार करती हैं। उनके लिए भाग्यशाली भी मानी जाती हैं। जानिए ये किन नाम की लड़कियां हैं।


D अक्षर: जिन लड़कियों के नाम का पहला अक्षर D होता है वो भाग्यशाली होती हैं। अपने पति की किस्मत चमकाने वाली मानी जाती हैं। उनकी खुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार रहती हैं। अपने घर को स्वर्ग बनाकर रखती हैं। पति को करियर में काफी सपोर्ट करती हैं। इन पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा रहती है। ये मेहनती होती हैं।

G अक्षर: इस नाम की लड़कियां भाग्यशाली मानी जाती हैं। इनका स्वभाव काफी केयरिंग होता है। ये बातें करने में काफी माहिर होती हैं। किसी का भी दिल तुरंत जीत लेती हैं। ये अपने परिवार वालों से काफी प्यार करती हैं। उनकी हर जरूरतों का ख्याल रखती हैं। इन्हें भी खूब प्यार करने वाला लव पार्टनर मिलता है। ये जहां रहती हैं वहां सुख-समृद्धि आ जाती है। ये अपने पति की किस्मत चमकाने वाली होती हैं।

L अक्षर: जिन लड़कियों का नाम इस अक्षर से शुरू होता है वो भाग्यशाली और धनवान होती हैं। किसी की भी किस्मत बदल देती हैं। जिस घर में शादी करके जाती हैं वहां धन-धान्य का ढेर लग जाता है। ये जिस काम में हाथ डालती हैं उसमें सफलता पाती हैं। इन्हें जीवन में सारे सुख प्राप्त होते हैं।


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ये पुरुष व महिलाएं love के लिए होते हैं अधिक आकर्षित, एक से अधिक होते हैं प्रेम संबंध, चेक करें पार्टनर की डेट ऑफ बर्थ

 

ये पुरुष व महिलाएं love के लिए होते हैं अधिक आकर्षित, एक से अधिक होते हैं प्रेम संबंध, चेक करें पार्टनर की डेट ऑफ बर्थ


6 मूलांक शुक्र ग्रह द्वारा संचालित होता है। अत: शुक्र से प्रभावित बुराई भी आपमें पाई जा सकती है। जैसे स्त्री जाति के प्रति आपमें सहज झुकाव होगा। अगर आप स्त्री हैं तो पुरूषों के प्रति आपकी दिलचस्पी होगी। लेकिन आप दिल के बुरे नहीं है।



5 तारीख को जन्म लेने वाले लोग काफी भाग्यशाली व आकर्षक होतें है। इनमें कई खूबियों के साथ साथ कुछ कमियां भी होती हैं। ज्योतिषों की माने तो 15 तारीख को जन्म लेने वाले लोग विपरीत ***** के प्रति अधिक अकर्षित होते हैं।

ये होती हैं योग्यताएं

ज्योतिषों के अनुसार दिनांक 15 को जन्मे व्यक्तियों व महिलाओं का मूलांक 6 होगा। इन लोगों में गजब का आत्मविश्वास होता है। इसी आत्मविश्वास के कारण ये किसी भी परिस्थिति में डगमगाते नहीं है। 15 तारीख को जन्में लोग सुगंध के शौकीन होते हैं। इस अंक से प्रभावित व्यक्ति आकर्षक, विनोदी, कलाप्रेमी होते हैं, साथ ही यह अपनी महत्वाकांक्षा के प्रति काफी गंभीर होते हैं और उन्हें पूरा करने के लिए प्रयास करते हैं।


विपरीत सेक्स के प्रति होते हैं अकर्षित

6 मूलांक शुक्र ग्रह द्वारा संचालित होता है। अत: शुक्र से प्रभावित बुराई भी आपमें पाई जा सकती है। जैसे स्त्री जाति के प्रति आपमें सहज झुकाव होगा। अगर आप स्त्री हैं तो पुरूषों के प्रति आपकी दिलचस्पी होगी। लेकिन आप दिल के बुरे नहीं है।
जानें क्या है शुभ

-शुभ दिनांक : 6, 15, 24

-शुभ अंक : 6, 15, 24, 33, 42, 51, 69, 78

- शुभ वर्ष : 2022, 2026

- ईष्टदेव : मां सरस्वती, महालक्ष्मी
- शुभ रंग : क्रीम, सफेद, लाल, बैंगनी


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Monday, March 7, 2022

मनु स्मृति में 8 प्रकार के विवाह वर्णित हैं। Marriages In Astrology

 मनु स्मृति में 8 प्रकार के विवाह वर्णित हैं।



1) ब्रम्हा विवाह: इस प्रकार के विवाह में वर अपनी योग्यताओं और क्षमताओं के अनुसार वर की तलाश करते हैं। बृहस्पति इस तरह के विवाह के लिए मुख्य संकेत देने वाला ग्रह है। मॉर्डन दिन मंु हम इसकी तुलना एक अरेंज मैरिज से कर सकते हैं जहाँ बॉय और गर्ल दोनों अपनी एजुकेशन पूरी करते हैं और उसके बाद परिवार के अनुसार दो व्यक्तियों की शादी हो जाती है।

2) दैव विवाह: यह विवाह तब होता है जब कोई योग्य वर या वधू नहीं मिल पाता। इस प्रकार की शादी में, कोई दावत या समारोह नहीं होता है । मंगल इस तरह के विवाह के लिए मुख्य संकेत देने वाला ग्रह है।

3) आर्श विवाह: इस तरह की शादी में लड़कियों का परिवार शादी का खर्च वहन करने में असमर्थ होता है और लड़के परिवार दुल्हन की कीमत के रूप में मामूली या कटी हुई उपहार देता है और दुल्हन को घर लाता है। आधुनिक समाज में इस तरह का विवाह सूटबेल नहीं है। चंद्रमा इस तरह के विवाह के लिए मुख्य संकेत देने वाला ग्रह है।

4) प्रजापत्य विवाह: इस प्रकार का विवाह  ब्रह्म विग्रह के समान है, सिवाय इसके कि इस प्रकार का विवाह तब होता है जब वर और वधू दोनों ही बहुत छोटे होते हैं। शादी की रस्म हो सकती है, लेकिन शादी कई सालों तक नहीं होती है, जब तक कि दूल्हा और दुल्हन पर्याप्त नहीं होते हैं। इस तरह के विवाह को पहले के दिनों के बाल विवाह के लिए संदर्भित किया जा सकता है। सूर्य इस तरह के विवाह के लिए मुख्य संकेत देने वाला ग्रह है।

5) असुर विवाह:   समाज में इस तरह के विवाह को अच्छा नहीं माना जाता है। बुध, हस्ताक्षर करने वाला ग्रह है।

6) गंधर्व विवाह: इसे आधुनिक दिनों की प्रेम विवाह भी कहा जा सकता है जहां दुल्हन और दूल्हा एक-दूसरे की ओर आकर्षित होते हैं और वे प्यार में पड़ जाते हैं। शुक्र इस तरह के विवाह  करने वाला ग्रह है।

7) रक्षा विवाहा; जब किसी को किडनैप किया जाता है या किसी कारण से शादी करने के लिए मजबूर किया जाता है, जिसे रक्षा विवा के नाम से जाना जाता है। हाल के समय में हम देखते हैं कि कई विवाह राजनीतिक लाभ या व्यवसाय विस्तार आदि के लिए होते हैं। पहले के दिनों में किंग्स ने अपने राज्य के विस्तार के लिए इस तरह के विवाह का उपयोग किया था। इस तरह के विवाह के लिए शनि मुख्य करक है।

8) पिसछा विवाह: इस प्रकार के विवाह में वर वधू नशे में होते हैं या विवाह के दौरान स्थिर मानसिक स्थिति में नहीं होते हैं। इस तरह की शादी के साथ बलात्कार की तुलना की जा सकती है। राहु / केतु इस तरह के विवाह का सूचक ग्रह है।

Friday, March 4, 2022

How to determine luck in marriage?

 

How to determine luck in marriage

There are many ways to determine lady luck or luck after marriage in the horoscope. As per Vedic Astrology the 7th house and its lord (also positive and negative influence on this house and on its lord), Marriage karaka Venus (for male), Jupiter & Mars (for female) and the planets with the lord of 7th house, Navamansa chart, 7th house of Navamsha, 9th house of navamsha, Dara Karaka and Upapada Lagna etc. are all important determinant in considering rise after marriage.





Positioning of 2nd lord in 7th House
If we analyse and discuss every factor influencing wealth and rise after marriage, the article will be very long and technical in character, so we will discuss one important factor i.e. positioning of second lord in your 7th house for every lagna.


2nd Lord in 7th House
The 7th house is called the house of marriage, spouse, and business partners. When the lord of 2nd house, occupies the 7th house, the native becomes rich after marriage. Either the native marries a wealthy person or he earns lots of affluence and status after marriage. Being a Kendra house, 7th is very important in marital issues and also it assumes high importance because of it being the house of minor profession or livelihood as it is 10th from 10th house.

Getting rich!

When placed in seventh house, it aspects the ascendant, which is a positive quality. Though the seventh house is sixth house from the 2nd house, the 2nd lord will aspect the ascendant, makes the native rich, after marriage.



Aries Ascendant
The 2nd lord Venus will be in 7th house of Libra. This is own and mool trikon sign for Venus. Venus performs financially very well in this house. Since Venus is also a Karaka for this house and any planet present in its karaka house destroys the promise, so there will be delay in marriage. Since Venus is powerful maraka (lord of 2nd house and 7th house are called maraka) for this sign, it brings some difficulty to the native during its dasa period.
Taurus Ascendant
The 2nd lord Mercury will be in 7th house of Scorpio. This is neutral sign to Mercury. So, overall performance of Mercury will be an average one. It also loses its directional strength in 7th house. Because it is 5th lord also, Mercury brings good spouse and prosperity to the native.
Gemini Ascendant
The 2nd lord Moon will be in 7th house in Sagittarius. Moon is not beneficial here as it is a neutral house for Moon. 7th house becomes pataka sthana (evil position) for this ascendant as Gemini is a dual sign. Moon is patakapati (lord of evil house) in 7th house for this ascendant and is not considered good. Though, Moon aspecting the ascendant brings some wealth to the native.
Cancer Ascendant
The 2nd lord Sun will be in 7th house in Capricorn. Sun performs reasonably poor in this place because Sun is enemy to Capricorn. Though, native gets wealth after marriage, his marital life may not be very happy. Sun aspecting the ascendant, makes the native inflexible and dominant. The native may have some eye problem.
Leo Ascendant
The 2nd lord Mercury will be in 7th house in Aquarius. Mercury loses its directional strength in 7th house and is neutral to Aquarius. However, aspect of Mercury on Lagna, makes native intelligent.
Virgo Ascendant
Venus will be the 2nd lord and placed in 7th house in Pisces. This is exaltation sign for Venus. Virgo is also a dual sign so 7th house is pataka sthana for this ascendant; it may bring some problem related to women. But Venus is exalted in Pisces so native will enjoy abundant luxury and lustful life.
Libra Ascendant
The 2nd lord Mars will be in 7th house in Aries. Native becomes short tempered and adamant if Mars is placed in 7th house. But Aries is Mars’s own sign so, native will be able to accumulate many immovable properties after marriage.
Scorpio Ascendant
The 2nd lord Jupiter will be in 7th house in Taurus, which is an enemy sign to Jupiter. Jupiter being an auspicious planet, native will be rich after marriage and spouse behavior will also be satisfactory. Though, Jupiter loses its directional power in 7th house. Sometimes, aspect of Jupiter on Lagna delays marriage.
Sagittarius Ascendant
The 2nd lord Saturn will be in 7th house in Gemini. Saturn gets directional strength in this house. Gemini is friendly sign to Saturn. So, Saturn performs well and brings abundant prosperity to the native. However, Saturn in 7th house delays marriage and chances of getting wicked spouse is higher.
Capricorn Ascendant
The 2nd lord Saturn will be in 7th house in Cancer. Though, Saturn is an enemy sign to Cancer, but Saturn will get directional strength in this house. Native will be wealthy after marriage. However, Saturn in 7th house delays marriage and brings a wicked spouse.
Aquarius Ascendant
The 2nd lord Jupiter will be in 7th house in Leo. Jupiter loses its directional power in this house but this is friendly sign to Jupiter. Good spouse is assured. Native becomes rich after marriage.
Pisces Ascendant
The 2nd house lord Mars will be in 7th house in Virgo. Mars in 7th house creates Mangal dosha to the native. Moreover, native becomes short tempered and stubborn and inflexible. Virgo is an enemy sign for Mars.

Thursday, March 3, 2022

Navmansh kundali-नवमांश कुंडली फलादेश

 

Navmansh kundali-नवमांश कुंडली फलादेश





नवमांश कुंडली क्या है 

नवमसा एक डिभिसनाल कुंडली है जिसे वैदिक ज्योतिष में काफी महत्व दिया गया है। इसे वैदिक ज्योतिष में D9 चार्ट के रूप में भी जाना जाता है। नवमांश का अर्थ है, नौ अमासा। यहाँ अम्सा का अर्थ है विभाजन। तो नवमसा का साधारण मतलब है एक साइन का 9 वां डिभिसन।

हर चिन्ह 30 डिग्री का होता है और जब इसे 9 भाग या विभाजन में विभाजित किया जाता है, तो प्रत्येक भाग या विभाजन को नवासा के नाम से जाना जाता है। तो इस तरह से एक नया कुंडली बनाया जाता है जो मुख्य जन्म कुंडली की तुलना में अधिक मिनट है। इसे नवमांश कुंडली कहा जाता है। अगर इसका सही इस्तेमाल किया जाए तो यह भविष्यवाणी करने में बहुत मददगार साबित हो सकता है। हर विद्वान ज्योतिषी और ज्योतिष की हर अच्छी पुस्तक ने D9 चार्ट के उपयोग को तनाव दिया है।

लग्न कुंडली और नवमांश कुंडली में क्या अंतर है

जब आप जन्म लेते हैं तो लगन कुंडली या मुख्य जन्म कुंडली राशि चक्र की ग्रह स्थिति है। यह जन्म कुंडली हमारे जीवन के हर क्षेत्र के बारे में जानकारी देता है उदाहरण के लिए- विवाह, वित्त, करियर, स्वास्थ्य आदि। लेकिन चूंकि इसमें जीवन के सभी क्षेत्र के बारे में जानकारी है, इसलिए इसे समझना और समझना आसान नहीं है। इस स्थितियों में, जीवन के विशेष क्षेत्र को समझने के लिए डिवीजनल कुंडली बहुत सहायक होते हैं।


नवमसा से जीवनसाथी के लिए महत्वपूर्ण भाव

जीवनसाथी की भविष्यवाणी के लिए मुख्य घर 7 वें घर और 7 वें घर के मालिक हैं। इसलिए हमें मुख्य जन्म कुंडली के 7 वें घर के साथ-साथ नवमांश कुंडली के 7 वें घर की भी जांच करनी होगी।

याद रखें, जन्म कुंडली में 7 वां घर यह दर्शाता है कि हम क्या चाहते हैं या हमारी इच्छा क्या है और नवमांश कुंडली में 7 वां घर यह दर्शाता है कि हमें वास्तव में क्या मिलेगा।

7 वां घर न सिर्फ केवल विवाह को इंगित करता है, बल्कि यह सभी प्रकार के शारीरिक संबंधों का भी संकेत देता है। इसीलिए 7 वें घर (A7) के अरुधा पाद को कुंडली में सभी तरह के शारीरिक या अल्पकालिक संबंधों के लिए जांचने की आवश्यकता है।  तो नवसा कुंडली से पति या पत्नी की भविष्यवाणी करते समय इन घरों की जाँच की जानी चाहिए।

ग्रहों की स्थिति के अनुसार नवमांश कुंडली से जीवनसाथी की प्रकृति

अब चलिए समझते हैं कि नवमांश कुंडली से जीवनसाथी की प्रकृति का निर्धारण कैसे करें।

1. 7 वें घर में सूर्य नवमेश: यदि नवमांश कुंडली के 7 वें घर में सूर्य  स्थित है, तो पति-पत्नी संगीत, वाद्ययंत्र पसंद करते हैं  | उन्हें अहंकार और उच्च स्वाभिमान हो सकते हैं।  जब 7 वें घर में नवमेश सूर्य मजबूत होता है, तो व्यक्ति सम्मानजनक पारिवारिक पृष्ठभूमि से हो सकता है।

2. नवमांश कुंडली के 7 वें घर में चंद्रमा : यदि नवमांश कुंडली के 7 वें घर में चंद्रमा है, तो पति-पत्नी सुंदर और बहुत ही सुशील होते हैं। वह निष्पक्ष मन, कोमल हृदय आदि का हो सकता है।

3. नवमांश कुंडली के 7 वें घर में मंगल : यदि नवमांश कुंडली के 7 वें घर में मंगल है या नवमेश में A7 के साथ जुड़ा हुआ है, तो व्यक्ति बहुत ही आक्रामक और गर्म स्वभाव का हो सकता है। वह या एक खेल प्रेमी हो सकता है। जब 7 वें घर में नवमांश मंगल मजबूत है, तो  पतला और एथलीट होगा। वह बहुत तर्कशील हो सकता है।

4. नवमांश कुंडली के 7 वें घर में बुध : यदि नवमांश कुंडली के 7 वें घर में बुध है, तो जीवनसाथी हंसमुख और मिलनसार हो सकता है। वह साहित्य, लेखन आदि के शौकीन हो सकते हैं, 7 वें घर में नवमेश बुध जीवनसाथी से शारीरिक सुख की कमी दे सकता है  पति या पत्नी अपनी उम्र से कम दिखेंगे।

5. नवमांश कुंडली के 7 वें घर में बृहस्पति : यदि नवमांश कुंडली के 7 वें घर में  बृहस्पति है, तो पति या पत्नी अच्छी तर ह से शिक्षित, सुंदर, भाग्यशाली और बहुत अच्छे स्वभाव, आध्यात्मिक हो सकते हैं। 7 वें घर में नवमेश बृहस्पति जीवनसाथी को बहुत धार्मिक बना सकता है।

6. नवमांश कुंडली के 7 वें घर में  शुक्र : यदि नवमांश कुंडली के 7 वें घर में  शुक्र हो, तो जीवनसाथी बेहद अच्छे लगने वाले, विलासिता के शौकीन और हर तरह के आराम, संगीत, ललित कला आदि के शौकीन हो सकते हैं। नवमांश शुक्र का 7 वें घर में होना एक आशीर्वाद है। ।

6. नवमांश कुंडली के 7 वें घर में शनि : यदि नवमांश कुंडली के 7 वें घर में  शनि  है, तो जीवनसाथी परिपक्व, हमेशा काम करने वाला, ठंडा, और कर्तव्यपरायण  हो सकता है। यह दर्शाता है कि पत्नी या पति बहुत मेहनती होंगे। 7 वें घर में नवमेश शनि यह भी संकेत देता है कि पति और पत्नी के बीच बहुत अधिक उम्र का अंतर हो सकता है।

7. नवमांश कुंडली के 7 वें घर में राहु- यदि नवमांश कुंडली के 7 वें घर में राहु है, तो जीवनसाथी हमेशा उदार,  गणित, ज्योतिष आदि में अच्छा हो सकता है। यह वैवाहिक जीवन के लिए एक अच्छा स्थान नहीं माना जाता है। 7 वें घर में नवमेश राहु  विदेशी जीवनसाथी  का संकेत देता है।

8. नवमांश कुंडली के 7 वें घर में केतु : यदि नवमांश कुंडली के 7 वें घर में केतु  है, तो जीवनसाथी गणित और अंकों, कंप्यूटर के विशेषज्ञ, आध्यात्मिक अभ्यास आदि में बहुत अच्छा हो सकता है।

नवमांश कुंडली फलादेश को लिए कुछ महत्वपूर्ण संयोजन

अच्छे और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए, हमें सबसे पहले D9 चार्ट में राशी कुंडली (D1) के 7 वें घर के मालिक की स्थिति को देखना होगा। ग्रह को नवमांश में पाप ग्रह से दुर्बल या पीड़ित नहीं होना चाहिए। उसके बाद हमें नवमांश कुंडली के 7 वें घर और नवमांश लग्न से 7 वें स्वामी को देखना होगा। यदि वे सभी अच्छी स्थिति में हैं, तो हम सुरक्षित रूप से हैप्पी मैरिज लाइफ की भविष्यवाणी कर सकते हैं।

शुक्र पुरुष और महिला दोनों के लिए विवाह का मुख्य संकेतक है। इसलिए डी 9 कुंडली में राहु या शनि द्वारा शुक्र को दुर्बल या पीड़ित नहीं होना चाहिए।

यदि राहु डी 9 कुंडली में शुक्र को प्रभावित करता है, तो जीवनसाथी या विवाह संबंध से धोखा अनुभव होने की संभावना है।

यदि शनि नवमांश कुंडली में शुक्र को प्रभावित करता है, तो यह अनकहा दुख पीड़ा लाता है। यदि नवमांश में बुध और शुक्र एक साथ होते हैं, तो यह वैवाहिक आनंद के लिए एक बुरा संयोजन है।

नवमांश कुंडली फलादेश को लिए बहुत उपयोगी है |