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Friday, June 10, 2022

किस ग्रह के दोष से होता है कौन-सा रोग ?

 किस ग्रह के दोष से होता है कौन-सा रोग ?



1-सूर्य-

अस्‍थि‍ विकार, सिरदर्द, पित्त रोग, आत्मिक निर्बलता, ने‍त्र में दोष आदि।

क्या करें जब सूर्य अशुभ हो, जानिए सरल उपाय:- जब सूर्य अशुभ फल देने लगता है, तो जातक के जोड़ की हड्डी दर्द देती है। शरीर अकड़ने लगता है। मुंह में थूक बार-बार आता है। घर में भैंस या लाल गाय हो तो उस पर संकट आता है।


सरल उपाय :-


* प्रत्येक कार्य करने से पहले मीठा खाएं।


* बहते पानी में गुड़ व तांबा बहाएं।


* रविवार का व्रत करें।


* विष्णु जी की आराधना करें।


* चरित्र ठीक रखें अर्थात् गलत कार्यों से बचें।


* सूर्य को मिश्री युक्त जल चढ़ाएं।


* किसी भी सूर्य मंत्र का 21 बार जाप करें।


* रविवार के दिन लाल वस्तुओं का दान करें।


* ॐ घ्रणि सूर्याय नम: का जाप करें।


* आदित्य-ह्रदय स्तोत्र का पाठ करें।


* माणिक्य अनामिका अंगुली में धारण करें।


* माणिक्य, गुड़, कमल-फूल, लाल-वस्त्र, लाल-चन्दन, तांबा, स्वर्ण सभी वस्तुएं एवं दक्षिणा रविवार के दिन दान करें।



2-चंद्र-

मानसिक दुर्बलता, रक्त विकार, वाम नेत्र दोष, जलोदर, शीत प्रकृति के रोग, जुकाम, नजला आदि।


3-मंगल-

पित्त रोग, सूखा रोग, भय, दुर्घटना, अग्नि से भय, बिजली से भय, रक्त बहना, उच्च रक्तचाप आदि

मंगल से पीड़ित व्यक्ति के लिए प्रतिदिन ध्यान करना उत्तम होता है। ध्यान रहे कि अशुभ मंगल से धैर्य की कमी होती है अत: किसी भी स्थिति में धैर्य बनाए रखें।


अशुभ मंगल के लिए टोटके :-


* लाल वस्त्र में सौंफ बांधकर शयन कक्ष में रखें।

* बंधुजनों को मिष्‍ठान्न का सेवन कराएं।


* बंदरों को गुड़ और चने खिलाने चाहिए।

* गाय को चारा व जल पिलाकर सेवा करें।

* गाय पर लाल वस्त्र ओढ़ाएं।

मंग्ल दोष हो तो क्या न करें..

* मंगल से पीड़ित व्यक्ति ज्यादा क्रोध न करें।

* अपने आप पर नियंत्रण नहीं खोना चाहिए।


* किसी भी कार्य में जल्दबाजी नहीं दिखाएं।

* किसी भी प्रकार के व्यसनों में लिप्त नहीं होना चाहिए।


कब अशुभ फल देता है मंगल...



वैदिक ज्योतिष के अनुसार कर्क राशि में स्थित होने पर मंगल को नीच का कहा जाता है। यानी कर्क राशि में स्थित होने पर मंगल अन्य सभी राशियों की तुलना में शक्तिहीन व निर्बल होता है। इस स्‍थिति में वह अपने शुभ फल देने में असमर्थ होता है।मंगल का गोचर प्रभाव अन्य ग्रहों के गोचर से भी प्रभावित होता है, विशेषकर मानव जीवन को अत्यधिक प्रभावित करने वाले ग्रह गुरु व शनि के गोचर का ध्यान रखते हुए राशियों का फल निर्धारण किया जाना चाहिए।मंगल का गोचर प्रभाव अन्य ग्रहों के गोचर से भी प्रभावित होता है, विशेषकर मानव जीवन को अत्यधिक प्रभावित करने वाले ग्रह गुरु व शनि के गोचर का ध्यान रखते हुए राशियों का फल निर्धारण किया जाना चाहिए।


मंगल को प्रसन्न करने के असरदायक उपाय


मंगल की वस्तुओं का करें दान...

कई बार किसी समय-विशेष में कोई ग्रह अशुभ फल देता है, ऐसे में उसकी शांति आवश्यक होती है। गृह शांति के लिए कुछ शास्त्रीय उपाय प्रस्तुत हैं। इनमें से किसी एक को भी करने से अशुभ फलों में कमी आती है और मंगल देवता प्रसन्न होते हैं।


* मंगल देव को भूमिपुत्र भी कहा जाता है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए मंगलवार का व्रत रखें। कई बार किसी समय-विशेष में कोई ग्रह अशुभ फल देता है, ऐसे में उसकी शांति आवश्यक होती है। गृह शांति के लिए कुछ शास्त्रीय उपाय प्रस्तुत हैं। इनमें से किसी एक को भी करने से अशुभ फलों में कमी आती है और मंगल देवता प्रसन्न होते हैं।

* मंगल देव को भूमिपुत्र भी कहा जाता है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए मंगलवार का व्रत रखें।

* एक समय बिना नमक का भोजन करें।

* हनुमान चालीसा, हनुमानाष्टक, बजरंग बाण के पाठ करने से मंगल की शांति होती है।

* इसके अलावा निम्न वस्तुओं के दान से भी मंगल प्रसन्न होते हैं : -

* मूंगा, गेंहू, मसूर, लाल वस्त्र, कनेरादि रक्त पुष्प, गुड़, गुड़ की रेवड़ियां, बताशे..

* मीठी रोटी (गुड़ व गेंहू की), तांबे के बर्तन, लाल चंदन, केसर, लाल गाय आदि का दान करें।* कष्ट मिटाएं


मंगल के मंत्र :-


सूर्योदयकाल के समय निम्न मंत्रों के जाप से भी काफी फायदा होता है।


ॐ अं अंगारकाय नम: अथवा

ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम: मंत्र


विशेष : 1,00,001 बार जप करने से यह मंत्र सिद्ध हो जाते हैं।

4-बुध-

कफ दोष, वाणी रोग, त्रिदोष, पांडुरोग।

क्या करें जब बुध अशुभ हो, जानिए सरल उपाय

बुध के अशुभ होने के लक्षण :-

बुध जब अशुभ फल देता है, तो जातक के दांत झड़ने लगते है। सूंघने की शक्ति क्षीण होने लगती है। संभोग शक्ति क्षीण हो जाती है एवं बोलते समय जातक हकलाने लगता है।


सरल-उपाय


* बुधवार का व्रत रखें।


* हिजड़ों को हरे वस्त्र एवं हरी चूड़ी का दान करें।


* दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। * साबुत हरे मूंग का दान करें।


* पन्ना या हरा ऑनेक्स कनिष्ठिका में धारण करें।


* तोते की सेवा करें।


* दांत साफ रखें।


* ॐ बुं बुधाय नम: का जाप करें।

* कांस्य-पात्र (कांसे का बर्तन), हरा-वस्त्र, घी, पन्ना, कपूर, शास्त्र, फूल, फल एवं दक्षिणा बुधवार को दान करें।


5-बृहस्पति-

कफ दोष, उदर विकार, आंत्रशोथ आदि।


6-शुक्र-

वीर्ष दोष, प्रमेह, मधुमेह, मूत्र दोष, नेत्र दोष।

क्या करें जब शुक्र अशुभ हो, जानिए सरल उपाय

शुक्र के अशुभ होने के लक्षण शुक्र जब अशुभ फल देता है, तो जातक का अंगूठा बिना किसी बीमारी के बेकार हो जाता है। स्वप्न-दोष बार-बार होने लगता है एवं त्वचा में विकार (त्वचा संबंधी रोग) होने लगता है।


सरल-उपाय


* शुक्रवार का व्रत रखें।


* अपने भोजन में से गाय को खिलाएं।

* लक्ष्मी की उपासना करें।


* सफेद एवं साफ वस्त्र पहनें।

* घी, दही, कपूर एवं मोती का दान करें।


* हीरा, स्फटिक अथवा अमेरिकन डायमंड मध्यमिका अंगुली में धारण करें।


* ॐ शुं शुक्राय नम: का जाप करें।


* दूसरों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी लें।


* सफेद-चंदन, सफेद-चावल, सफेद-वस्त्र, सफेद-चित्र, सफेद-फूल, चांदी, हीरा, घी, स्वर्ण, दही, सुगंधित-द्रव्य एवं शक्कर के साथ दक्षिणा रखकर किसी कन्या या एक आंख वाले को शुक्रवार के दिन दान करें।


7-शनि-

लकवा, वात रोग, घुटनों में दर्द, गठिया, पैरों में पीड़ा, आकस्मिक दुर्घटना।

क्या करें जब शनि अशुभ हो, जानिए सरल उपाय

जानिए शनि के अशुभ होने के लक्षण :-

शनि जब अशुभ फल देने लगता है, तो जातक को घर की परेशानी आती है। शनि अशुभ होने से घर गिरने की स्थिति भी आ सकती है। जातक के शरीर के बाल भी झड़ने लगते हैं। विशेषकर भौंह के बाल झड़ने लगे, तो समझना चाहिए कि शनि अशुभ फल दे रहा है।


सरल उपाय :-


* शनिवार का व्रत करें।


* रोटी में तेल लगाकर कुत्ते या कौए को खिलाएं।


* नीलम अथवा जामुनिया मध्यमा अंगुली में पहनें।


* सांप को दूध पिलाएं।


* लोहे का छल्ला जिसका मुंह खुला हो मध्यमा अंगुली में पहनें।


* नित्य प्रतिदिन भगवान भोलेनाथ पर काले तिल व कच्चा दूध चढ़ाना चाहिए।


* यदि पीपल वृक्ष के नीचे शिवलिंग हो तो अति उत्तम होता है।


* सुंदरकांड का पाठ सर्वश्रेष्ठ फल प्रदान करता है।


* संध्या के समय जातक अपने घर में गूगल की धूप देवें।


* चींटियों को गोरज मुहूर्त में तिल डालना।


* अधिकारी या बड़ों की उपासना करें।


* भैरव की उपासना करें।


* नीलम, काली-तिल, उड़द, तेल, काले-फूल, लोहे की कील, जूता, स्वर्ण एवं दक्षिणा शनिवार के दिन शनि मंदिर या किसी गरीब को दान करें।


विशेष- काली गाय का दान करने से भी शनि शुभ फल देने लगता है। शनि देव न्यायप्रिय राजा हैं। अगर आप बुरे काम नहीं करते हैं किसी से धोखा, छल-कपट आदि नहीं करते हैं तो इस ग्रह से डरने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि शनिदेव सज्जनों को तंग नहीं करते।


शनि के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए तिल का तेल एक कटोरी में लेकर उसमें अपना मुंह देखकर शनि मंदिर में रख आएं (जिस कटोरी में तेल हो उसे भी घर ना लाएं)। कहते हैं तिल के तेल से शनि विशेष प्रसन्न रहते हैं।

सवापाव साबुत काले उड़द लेकर काले कपड़े में बांध कर शुक्रवार को अपने पास रखकर सोएं। ध्यान रहे अपने पास किसी को भी ना सुलाएं। फिर शनिवार को उसे शनि मंदिर में रख आएं।

काला सुरमा एक शीशी में लेकर अपने ऊपर से शनिवार को नौ बार सिर से पैर तक किसी से उतरवा कर सुनसान जमीन में गाड़ देवें।

शनि का कोई रत्न बिना किसी सलाह के न पहनें, ना ही लोहे का बना छल्ला पहने। बिना परामर्श के इन्हें पहनने से शनि का कुप्रभाव और बढ़ सकता है।

शनि मंत्र का जप भी किया जाए तो काफी हद तक शनि के कुप्रभाव से बचा जा सकता है।

मंत्र - ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः।


8-राहु-

विष भय, कीटाणु रोग, कृष्ट रोग।

9-केतु-

आ‍कस्मिक दुर्घटना, विष विकार।

मीन लग्न और समस्या निवारक उपाय

 

मीन लग्न और समस्या निवारक उपाय





जीवन में भरपूर सुख और सफलता की प्राप्ति हर मनुष्य का एक सपना होता है। लेकिन सुख-दुख, गम-खुशी, अमीरी-गरीबी तथा रोग एवं स्वास्थ्य आदि कालचक्र के ऎसे धुरे हैं, जो जीवन के चलने के साथ-साथ ही चलते हैं. दुनिया में हर इन्सान किसी न किसी समस्या से जूझ रहा है , जिनमें से एक होती है--व्यक्ति सम्बंधी समस्या जैसे अपने बारे में/अपनी पत्नि/संतान के बारे में,संतान होने या न होने इत्यादि के बारे में, दूसरी स्थान सम्बंधी मसलन किसी स्थान विशेष जैसे जमीन, जायदाद, मकान, व्यवसाय, नौकरी आदि की समस्या और तीसरी धातु अर्थात धन सम्बंधी समस्या. जीवन में आने वाली इन समस्यायों हेतु प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने तरीके से उपाय भी करता है, जिससे कि जीवन को सुखपूर्वक भोगा जा सके.
यहाँ हम आपको आपके जन्म लग्नानुसार कुछ ऎसे ही उपायों की जानकारी दे रहे हैं, जिससे कि आप भी अपनी विभिन्न समस्यायों से सरलतापूर्वक एवं शीघ्रता से निजात पा सकते हैं. 

आर्थिक समस्या निवारण हेतु:-
यदि आप आजीविका के क्षेत्र में बारबार अवरोध अनुभव कर रहे हैं, कार्यक्षेत्र में अधिकारी वर्ग से सम्बंधों में बिगाड उत्पन्न हो रहा हो अथवा पिता से तनावपूर्व स्थितियों का सामना करना पड रहा हो, तो इसके निवारणार्थ किसी भी द्वितीया/सप्तमी/द्वादशी तिथि से आरंभ कर नियमित रूप से सवा माह लगातार भगवान शिव की प्रतिमा के सम्मुख ग्यारह जपा कुसुम( अडहुल/ Chinese Rose) के पुष्प चढाकर श्री रूद्राष्टाध्यायी का पाठ करें. 
इसके अतिरिक्त घर अथवा कार्यस्थल की उतर-पश्चिम दिशा में सफेद पुष्पों के पौधे लगायें एवं संभव हो तो संयुक्त परिवार में ही निवास करें.
यदि जन्मकुंडली में बृहस्पति नीच अथवा कुंभ राशि में न हो तो सवा 5 रत्ती वजन का पुखराज रत्न भी स्वर्ण धातु में धारण कर सकते है.
केवलमात्र सिर्फ इस एक उपाय के करने से ही आप देखेंगें कि जहाँ एक ओर आपकी आमदनी के स्त्रोत खुलने लगे हैं, वहीं सामाजिक संबंधों में भी मधुरता की अभिवृद्धि होने लगी है.

भाग्योन्नति हेतु:-
यदि आपको भाग्योन्नति में बार-बार अवरोध कि स्थितियों का सामना करना पड रहा है, अथवा आपका प्रत्येक कार्य सफलता के समीप आकर रूक जाता हो, तो उसके लिए आप ये एक कार्य कीजिए, कि सर्वप्रथम स्वर्णमंडित गौरीशंकर रूद्राक्ष अथवा स्वर्ण की बनी शंखाकृति गले में धारण करें.
तत्पश्चात नित्य प्रात: स्नानादि पश्चात किसी पात्र में जल भरकर अपने सम्मुख रखें और निम्न मन्त्रोच्चारण पश्चात उस जल को किसी पीपल के वृक्ष को अर्पित कर दें . 

ॐ लां इन्द्राय देवाधिपतये नमः ।
ॐ रां अग्नये तेजाधिपतये नमः।
ॐ यां यमाय प्रेताधिपतये नमः ।
ॐ क्षां निऋत्ये रक्षोधिपतये नमः ।
ॐ वां वरुणाय जलाधिपतये नमः ।
ॐ यां वायवे प्राणाधिपतये नमः ।
ॐ सां सोमाय ताराधिपतये नमः ।
ॐ हां ईशानाय गणाधिपतये नमः ।
ॐ आं ब्रह्मणे प्रजाधिपतये नमः ।
ॐ ह्रीं अनन्ताय नागाधिपतये नमः

केवलमात्र इसी उपाय के करने से आप देखेंगें कि शनै: शनै: आपके भाग्य के समस्त अवरोध मिटकर जीवन में एक नई उर्जा, शान्ति एवं स्थायी सुख-समृद्धि का समावेश होने लगा हैं.


सम्पत्ति, वाहन सुख प्राप्ति हेतु:-
यदि आप जमीन-जायदाद, नजदीकी सगे सम्बन्धियों अथवा वाहन सम्बंधी किसी प्रकार की कोई समस्या/कष्ट का सामना कर रहे हैं, तो इसके लिए कम से कम 12 रविवार लगातार उपवास रखें और सूर्योदय से मध्यांह की अवधि के बीच में किसी निर्धन व्यक्ति को सवा किलो गेहूँ का दलिया दान करें. 
इसके साथ ही शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को श्वेत वस्त्र में सफेद आक के 5 फूल, दो त्रिमुखी रूद्राक्ष, चावल और पारद शिवलिंग बाँधकर घर के पूजास्थल में स्थापित करें एवं नित्य प्रात: श्री सूर्य गायत्री " ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात " का जाप किया करें.
यदि आप विधिपूर्वक उपरोक्त उपाय को सम्पन्न कर सकें तो समझिए कि आप सम्पत्ति,वाहन अथवा सामाजिक व्यवहार एवं य़श-मान सम्बन्धी बहुत सी समस्यायों से बेहद आसानी से मुक्ति पा सकेंगें. 

सुरूचिपूर्ण जीवन हेतु:-
यदि आप जीवन में बार-बार परेशानी एवं दैनिक कार्यों में व्यवधान अनुभव कर रहे हों, तो आपको प्रतिदिन सुबह अपने इष्टदेव के सम्मुख गाय के शुद्ध घी का दीपक अवश्य जलाते रहना चाहिए.
यदि आपकी जन्मकुंडली में चन्द्रमा नीच राशि में स्थित न हो तो आप सवा 7 रत्ती का चन्द्रकान्त मणि (Moon Stone ) दाहिने हाथ की अनामिका (Ring Finger) अंगुली में धारण कर सकते हैं अन्यथा शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन एक द्विमुखी रूद्राक्ष गले में धारंण करें.
इसके साथ ही नियमपूर्वक प्रत्येक रविवार भगवान भुवनभास्कर का स्मरण कर थोडा कच्चा दूध और गुड किसी धार्मिक स्थल अथवा किसी निर्धन व्यक्ति को दान करते रहें, तो इन उपायों से जहाँ एक ओर आपका जीवन सुगम होगा, वहीं आपको जीवन में अनायास उत्पन हो रही कईं प्रकार की परेशानियों एवं बाधाओं से भी सहज रूप में ही मुक्ति मिलने लगेगी.


पारिवारिक कलह मुक्ति एवं दाम्पत्य सुख प्राप्ति हेतु:-
यदि आप दाम्पत्य जीवन में व्यवधान यथा पति-पत्नि में विवाद, वैचारिक मतभेद, अशान्ती जन्य किन्ही कष्टों का सामना कर रहे हैं तो उसकी निवृति एवं आपसी सामंजस्य की अभिवृद्धि हेतु आपको नियमित रूप से रात को सोने से पूर्व बिस्तर पर बैठकर ही 12 बार " नमोस्तु पुष्पबाणाय जगदानन्द कारिणे ! मन्मथाय जगन्नेत्र रतिप्रीतिप्रदायिने !! " मन्त्र का जाप करते रहना चाहिए.
न्यूनतम 40 दिन लगातार केसर मिश्रित नारियल जल द्वारा में भगवान शिव का अभिषेक करें.

इसके अतिरिक्त यदाकदा 9 वर्ष से कम उम्र की कन्यायों को मिष्ठान्न खिलाते रहें तो समझिए कि अब आपके दाम्पत्य जीवन में परस्पर प्रेम, माधुर्य एवं शान्ती का समावेश होने लगा है. 
* एक बात का विशेष तौर पर ध्यान रखें कि अपना श्यनकक्ष ( Bedroom ) कभी भूलकर भी घर के वायव्य कोण अर्थात उत्तर-पश्चिम (North-West) दिशा में न बनायें अन्यथा दम्पत्ति में आपसी सामंजस्य का अभाव सदैव बना ही रहेगा. 

भय, मानसिक तनाव एवं ऋण से मुक्ति हेतु:-
यदि आप किसी वजह से मानसिक तनाव में रहते हैं अथवा किसी अज्ञात भय से पीडित हैं, अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं या फिर कहीं ऋण के बोझ से पीडित हैं तो उसके लिए सर्वप्रथम कम से कम 8 शुक्रवार लगातार किसी धार्मिक स्थल पर सवा 2 मीटर जामुनी रंग का कपडा और 250 ग्राम पंचमेवा चढायें. साथ ही वर्ष में कम से कम 2 बार अर्थात हर छ: माह की अवधि पश्चात किसी भिखारी को अपना पुराना वस्त्र अवश्य दान किया करें. 
अपने भवन की दक्षिण दिशा की दीवार पर लाल रंग के पेंट द्वारा "कलश" का एक चित्र बनवायें अथवा इस दिशा में छत पर कलश की आकृति युक्त एक लाल रंग का तिकोणा ध्वज लगायें.
प्रत्येक मंगलवार भगवान गणपति जी के सम्मुख तिलों के तेल का दीपक प्रज्जवल्लित कर उन्हे मीठे पान का भोग लगाया करें. 

इन साधारण से उपायों से एक ओर जहाँ आप मानसिक तनाव/भय/दबाव/चिन्ता इत्यादि से मुक्त हो पायेंगें, वहीं आपकी आय में वृद्धि के साथ ही ऋण से मुक्त होने की परिस्थितियाँ भी निर्मित होने लगेंगीं.

कुंभ लग्न और समस्या निवारक उपाय

 

कुंभ लग्न और समस्या निवारक उपाय





आर्थिक समस्या निवारण हेतु:-
यदि आप आजीविका के क्षेत्र में बारबार अवरोध अनुभव कर रहे हैं, कार्यक्षेत्र में अधिकारी वर्ग से सम्बंधों में बिगाड उत्पन्न हो रहा हो अथवा पिता से तनावपूर्व स्थितियों का सामना करना पड रहा हो, तो इसके लिए सर्वप्रथम अपने घर एवं कार्यस्थल दोनो जगह पर चाँदी के किसी पात्र में शहद भरकर स्थापित करें.
किसी भी माह की पूर्णिमा तिथि के दिन श्री विष्णु मन्दिर में श्वेत वस्त्र का बना एक ध्वज अर्पित करें.
शनिवार के दिन चाँदी और स्वर्ण मिश्रित धातु का छल्ला मध्यमा अंगुली में तथा स्वर्ण मंडित तेरहमुखी रूद्राक्ष गले में धारण करें.
नियमपूर्वक प्रत्येक बुधवार एक नारियल और 11 छुआरे देवी मन्दिर में अर्पित किया करें. 
इसके अतिरिक्त यदि आपको व्ययाधिक्य के कारण किन्ही आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड रहा हो, तो उसकी निवृति के लिए टोपी/पगडी/वस्त्र आदि से सिर को ढाँपकर गुरूवार के दिन किसी पीपल के वृक्ष की 9 परिक्रमा अवश्य किया कीजिए. 
केवलमात्र सिर्फ इन चन्द उपायों के करने से ही आप देखेंगें कि जहाँ एक ओर आपकी आमदनी के स्त्रोत खुलने लगे हैं, वहीं सामाजिक संबंधों में भी मधुरता की अभिवृद्धि होने लगी है.

भाग्योन्नति हेतु:-
यदि आपको भाग्योन्नति में बार-बार अवरोध कि स्थितियों का सामना करना पड रहा है, अथवा आपका प्रत्येक कार्य सफलता के समीप आकर रूक जाता हो, तो उसके लिए आपको केवलमात्र सिर्फ एक उपाय करना है कि किसी भी माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन परिवार के समस्त सदस्यों को साथ लेकर आप गंगास्नान करें.
तत्पश्चात जीवन पर्यन्त प्रत्येक अमावस्या के दिन किसी सुयोग्य विद्वान ब्राह्मण को घर बुलाकर भोजन अवश्य कराते रहें. 
केवलमात्र इसी उपाय के करने से आप देखेंगें कि शनै: शनै: आपके भाग्य के समस्त अवरोध मिटकर जीवन में एक नई उर्जा, शान्ति एवं स्थायी सुख-समृद्धि का समावेश होने लगा हैं.

सम्पत्ति, वाहन सुख प्राप्ति हेतु:-
यदि आप जमीन-जायदाद, नजदीकी सगे सम्बन्धियों अथवा वाहन सम्बंधी किसी प्रकार की कोई समस्या/कष्ट का सामना कर रहे हैं, तो इसके लिए आपको 16 सोमवार लगातार सवा 2 किलो कच्चा दूध और हरा हकीक रत्न किसी नदी/ नहर इत्यादि बहते जल में प्रवाहित करना चाहिए.
इसके साथ ही शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को श्वेत वस्त्र में दो छ:मुखी रूद्राक्ष और चाँदी का छोटा सा त्रिशूल बाँधकर घर के पूजास्थल में स्थापित करें एवं नित्य प्रात: श्री शिव चालीसा का पाठ अवश्य किया करें.
यदि आप विधिपूर्वक उपरोक्त उपाय को सम्पन्न कर सकें तो समझिए कि आप सम्पत्ति,वाहन अथवा सामाजिक व्यवहार एवं य़श-मान सम्बन्धी समस्त समस्यायों से बेहद आसानी से मुक्ति पा सकेंगें. 

सुरूचिपूर्ण जीवन हेतु:-
यदि आप जीवन में बार-बार परेशानी एवं दैनिक कार्यों में व्यवधान अनुभव कर रहे हों, तो आपको प्रतिदिन सुबह अपने इष्टदेव के सम्मुख तिलों के तेल का दीपक अवश्य जलाते रहना चाहिए.
यदि आपकी जन्मकुंडली में शुक्र नीच राशि में स्थित न हो तो आप सवा 7 रत्ती का अमेरिकन डायमंड दाहिने हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण कर सकते हैं अन्यथा शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन एक नवमुखी रूद्राक्ष गले में धारंण करें.
प्रत्येक सक्रान्ति को परिवार के समस्त सदस्यों का हाथ लगवाकर सवा किलो कच्ची खिचडी किसी भिखारी को दान करते रहें, तो इन उपायों से जहाँ एक ओर आपका जीवन सुगम होगा, वहीं आपको जीवन में अनायास उत्पन हो रही कईं प्रकार की परेशानियों एवं बाधाओं से भी सहज रूप में ही मुक्ति मिलने लगेगी.

पारिवारिक कलह मुक्ति एवं दाम्पत्य सुख प्राप्ति हेतु:-
यदि आप दाम्पत्य जीवन में व्यवधान यथा पति-पत्नि में विवाद, वैचारिक मतभेद, अशान्ती जन्य किन्ही कष्टों का सामना कर रहे हैं तो उसकी निवृति एवं आपसी सामंजस्य की अभिवृद्धि हेतु आपको नियमित रूप से श्री सूर्य गायत्री का पाठ करना चाहिए.
कम से कम 12 रविवार लगातार भगवान शिव का अभिषेक कर शिवलिंग पर गौ घृत मिश्रित लाल रक्त चन्दन का लेप लगायें.
धर्मपत्नि को वर्ष में कम से कम दो बार कुछ दिनो के लिए अपने पीहर (मायके) भेजें.
पति 24 या 32 ग्राम वजन का चाँदी का कडा तथा पत्नि लाख की चूडी अवश्य धारण किये रहे तो समझिए आपके दाम्पत्य जीवन में परस्पर प्रेम, माधुर्य एवं शान्ती का समावेश होने लगा है. 
* एक बात का विशेष तौर पर ध्यान रखें कि अपना श्यनकक्ष ( Bedroom) कभी भूलकर भी घर के नैऋत्य कोण अर्थात दक्षिण-पश्चिम ( South-West) दिशा में न बनायें अन्यथा आपसी तनाव की सदैव बनी ही रहेगी. 

भय, मानसिक तनाव से मुक्ति हेतु:-
यदि आप किसी वजह से मानसिक तनाव में रहते हैं अथवा किसी अज्ञात भय से पीडित हैं, अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं तो उसके लिए सर्वप्रथम किसी भिखारी को शनिवार अथवा बुधवार के दिन नीला वस्त्र और चमडे की जूती/चप्पल दान करें.
अपने भवन की उत्तर दिशा में सफेद हंस की एक पत्थर की प्रतिमा स्थापित करें.
सोते समय सिरहाने एक चुटकी भर सुहागा लाल कागज की पुडिया में बाँधकर रखे रहें.
इन साधारण से उपायों से एक ओर जहाँ आपको मानसिक तनाव/भय/दबाव इत्यादि से मुक्ति मिलने लगेगी, वहीं परिवार के अन्य सदस्यों की भिन्न-भिन्न विचारधाराओं से मन में उपजने वाली उदासीनता एवं वैमनस्य का भाव भी जागृत नहीं हो पायेगा.

मकर लग्न और समस्या निवारक उपाय

 मकर लग्न और समस्या निवारक उपाय



आर्थिक समस्या निवारण हेतु:-

यदि आप आजीविका के क्षेत्र में बारबार अवरोध अनुभव कर रहे हैं, कार्यक्षेत्र में अधिकारी वर्ग से सम्बंधों में बिगाड उत्पन्न हो रहा हो, पिता से तनावपूर्व स्थितियों का सामना करना पड रहा हो अथवा अत्यधिक परिश्रम के उपरान्त भी व्यवसायिक कार्यों में सफलता की प्राप्ति न हो पा रही हो, तो इसके लिए आपको सर्वप्रथम शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन दाहिने हाथ की मध्यमा अंगुली में सवा 7 रत्ती वजन का ओपल रत्न तथा गले में एक चौदहमुखी रूद्राक्ष धारण करना चाहिए.

          

          घर/कार्यस्थल की पश्चिम दिशा में, गमले में सफेद फूलों वाले पौधे लगाकर रखें. लगातार 21 मंगलवार सिन्दूर, जायफल, शुद्ध घी, लाल रंग के पुष्प, बून्दी के 2 लड्डू, पान का एक पत्ता और 5 छुआरे संध्या समय श्री हनुमान जी के चरणौं में अर्पित कर श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें. केवलमात्र सिर्फ एक इसी उपरोक्त उपाय के करने से ही आप देखेंगें कि जहाँ आपकी आमदनी के स्त्रोत खुलने लगे हैं, वहीं सामाजिक संबंधों में भी मधुरता की अभिवृद्धि होने लगी है.

         इसके अतिरिक्त यदि आपको व्ययाधिक्य के कारण किन्ही आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड रहा हो, तो उसकी निवृति के लिए घर के पूजनस्थल पर अष्टधातु निर्मित श्री कनकधारा यन्त्र स्थापित करें एवं उस पर लगातार 43 दिन तक नियमित मात्र एक गुलाब का पुष्प अर्पित किया करें. 


भाग्योन्नति हेतु:-

यदि आपको भाग्योन्नति में बार-बार अवरोध कि स्थितियों का सामना करना पड रहा है, अथवा आपका प्रत्येक कार्य सफलता के समीप आकर रूक जाता हो, तो उसके लिए सर्वप्रथम शुक्ल पक्ष के बुधवार के दिन सवा 9 रत्ती वजन का गोमूत्री रत्न दाहिने हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण करें अथवा स्वर्ण मंडित एक द्विमुखी रूद्राक्ष गले में धारण करें.

          कम से कम 11 मंगलवार लगातार 2 बून्दी के लड्डू, 5 पान के पत्ते और एक नारियल लेकर रातभर उन्हे अपने सिरहाने रखें और अगले दिन इस सामग्री को किसी नदी/नहर इत्यादि बहते जल में प्रवाहित करें. 

अपने घर या कार्यस्थल की दक्षिण दिशा में सिन्दूर और शहद से भरे दो पात्र सदैव रखें रहें. 

आप देखेंगें कि शनै: शनै: आपके भाग्य के समस्त अवरोध हटकर जीवन में शान्ति एवं समृद्धि का समावेश होने लगा हैं.


सम्पत्ति, वाहन सुख प्राप्ति हेतु:-

यदि आप जमीन-जायदाद, नजदीकी सगे सम्बन्धियों अथवा वाहन सम्बंधी किसी प्रकार की कोई समस्या/कष्ट का सामना कर रहे हैं, तो इसके लिए आप प्रति शुक्रवार भूरे/काले अथवा अन्य किन्ही भी दो रंग के सांड को गुड मीठी रोटी खिलायें.

          लगातार एक वर्ष तक प्रतिमास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से पूर्णिमा तक नित्य चन्द्रमा को कच्चे दूध में कुशा एवं जल मिलाकर अर्घ्य अर्पित करें. इसके अतिरिक्त पूर्णिमा के दिन गले में चाँदी का एक मोती अवश्य धारण करें. यदि आप विधिपूर्वक उपरोक्त उपाय को सम्पन्न कर सकें तो समझिए कि आप सम्पत्ति,वाहन अथवा सामाजिक व्यवहार एवं य़श-मान सम्बन्धी समस्त समस्यायों से बेहद आसानी से मुक्ति पा सकेंगें. 


सुरूचिपूर्ण जीवन हेतु

यदि आप जीवन में बार-बार परेशानी एवं कार्यों में व्यवधान अनुभव कर रहे हों, तो इसकी निवृति हेतु आपको अपने घर में केले के दो पौधे लगाकर उनकी नियमित रूप से देखभाल करनी चाहिए एवं परिवार का कोई भी सदस्य संध्या समय उसके समीप शुद्ध घी का दीपक अवश्य जलाया करे.

अपने रसोईघर में पीतल का कोई पात्र अवश्य रखें तथा उसे नियमित रूप से उपयोग में लाया करें. 

साथ ही प्रत्येक बृहस्पतिवार देसी पान के 3 साबुत पत्ते लेकर भगवान शिव को अर्पित करते रहें. 

इस उपरोक्त उपाय से जहाँ एक ओर आपका जीवन सुगम होगा, वहीं आपको यदाकदा जीवन में अनायास उत्पन होने वाली कईं प्रकार की परेशानियों एवं बाधाओं से भी सहज ही मुक्ति मिलने लगेगी.

पारिवारिक कलह मुक्ति एवं दाम्पत्य सुख प्राप्ति हेतु:-

यदि आप दाम्पत्य जीवन में व्यवधान यथा पति-पत्नि में विवाद, वैचारिक मतभेद, अशान्ती जन्य किन्ही कष्टों का सामना कर रहे हैं तो उसकी निवृति एवं आपसी सामंजस्य की अभिवृद्धि हेतु आप प्रत्येक माह शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से पूर्णिमा तिथि तक नित्य केसर + कपूर मिश्रित जल द्वारा रूद्राभिषेक करें.

सफेद रंग के वस्त्र में 125 ग्राम चावल, चाँदी के 4 छोटे चौकोर टुकडे एवं एक मुट्ठी नागकेसर बाँधकर अपने घर की उत्तर दिशा में किसी स्थान पर रख दें. 


चाँदी में मंडवाकर द्वादशमुखी रूद्राक्ष शुक्ल पक्ष के किसी भी शुक्रवार के दिन गले में धारण करें. 


इस बात का विशेष रूप से स्मरण रखें कि उपाय अवधि में अंडा/माँस/शराब आदि किसी भी प्रकार के तामसिक पदार्थ का सेवन पूर्णत: वर्जित है. 


भय, मानसिक तनाव से मुक्ति हेतु:-

यदि आप किसी वजह से मानसिक तनाव में रहते हैं अथवा किसी अज्ञात भय से पीडित हैं, अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं तो उसके लिए 11 बुधवार लगातार एक नारियल नीले वस्त्र में लपेटकर किसी भिखारी को दान करें. 

अपने श्यनकक्ष में ताबें का एक पिरामिड स्थापित करें.

नित्य मानसिक रूप से निम्न मन्त्र का जाप अवश्य किया करें.

मन्त्र:-  ॐ अतिक्रकर महाकाय, कल्पान्त दहनोपम भैरवाय नमस्तुभ्यमनुज्ञां दातुमहसि !! 

इस उपरोक्त उपाय से एक ओर जहाँ आपको मानसिक तनाव/भय/दबाव इत्यादि से मुक्ति मिलने लगेगी, वहीं परिवार के अन्य सदस्यों की भिन्न-भिन्न विचारधाराओं से मन में उपजने वाली उदासीनता एवं वैमनस्य का भाव भी कदापि जागृत नहीं हो पायेगा.

धनु लग्न और कष्ट निवारक उपाय

 

धनु लग्न और कष्ट निवारक उपाय




आर्थिक समस्या निवारण हेतु:-
यदि आप आजीविका के क्षेत्र में बारबार अवरोध अनुभव कर रहे हैं, कार्यक्षेत्र में अधिकारी वर्ग से सम्बंधों में बिगाड उत्पन्न हो रहा हो अथवा पिता से तनावपूर्व स्थितियों का सामना करना पड रहा हो, तो इसके लिए सर्वप्रथम शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश जी की चाँदी की एक प्रतिमा, एकादश मुखी रूद्राक्ष और 125 ग्राम पंचमेवा लाल वस्त्र में बाँधकर अपने घर अथवा कार्यस्थल की अल्मारी/तिजोरी में रखें. तत्पश्चात एक वर्ष तक नियमपूर्वक प्रत्येक पूर्णिमा के दिन " ॐ पूषन तवव्रते भयं नरिष्येम कदाचन स्तोतारस्त इहम्भसि !! ॐ पूष्णे नम: " मन्त्र के जाप पश्चात गाय का कच्चा दूध किसी निर्धन व्यक्ति को अवश्य दान किया करें.

केवलमात्र सिर्फ एक इसी उपरोक्त उपाय के करने से ही आप देखेंगें कि जहाँ आपकी आमदनी के स्त्रोत खुलने लगे हैं, वहीं सामाजिक संबंधों में भी मधुरता की अभिवृद्धि होने लगी है. इसके अतिरिक्त यदि आपको व्ययाधिक्य के कारण किन्ही आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड रहा हो, तो उसकी निवृति के लिए घर के पूजनस्थल पर चाँदी में निर्मित श्री यन्त्र स्थापित करें एवं उस पर लगातार 43 दिन तक नियमित मात्र एक गुलाब का पुष्प अर्पित किया करें.
भाग्योन्नति हेतु:-
यदि आपको भाग्योन्नति में बार-बार अवरोध कि स्थितियों का सामना करना पड रहा है, अथवा आपका प्रत्येक कार्य सफलता के समीप आकर रूक जाता हो, तो उसके लिए सर्वप्रथम शुक्ल पक्ष के रविवार के दिन सवा 5 रत्ती वजन का माणिक्य रत्न दाहिने हाथ की अनामिका अंगुली में धारण करें( जन्मकुंडली में सूर्य के नीच राशि में होने की स्थिति में नहीं) अथवा स्वर्ण मंडित एक तेरह मुखी रूद्राक्ष गले में धारण करें.शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को एक श्वेत रंग का रेशमी ध्वज बनाकर उसे पीपल के वृक्ष पर बाँध दें, तत्पश्चात प्रति सोमवार ॐ गं गणपतये नम: मन्त्रोचार सहित उस वृक्ष पर कर्पूर मिश्रित जल चढाकर उसकी 5 परिक्रमा किया करें.
आप देखेंगें कि शनै: शनै: आपके भाग्य के समस्त अवरोध हटकर जीवन में शान्ति एवं समृद्धि का समावेश होने लगा हैं.

सम्पत्ति, वाहन सुख प्राप्ति हेतु:-
यदि आप जमीन-जायदाद, नजदीकी सगे सम्बन्धियों अथवा वाहन सम्बंधी किसी प्रकार की कोई समस्या/कष्ट का सामना कर रहे हैं, तो इसके लिए आप नित्य प्रात: गाय के कच्चे दूध में शहद मिलाकर शंकर जी का अभिषेक करें और न्यूनतम 12 मंगलवार लगातार संध्या समय श्री हनुमान जी को मीठे पान का भोग लगायें. साथ ही शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को एक द्वादशमुखी रूद्राक्ष गले अथवा दाहिनी भुजा में अवश्य धारण करें.यदि आप विधिपूर्वक उपरोक्त उपाय को सम्पन्न कर सकें तो समझिए कि आप सम्पत्ति,वाहन अथवा सामाजिक व्यवहार एवं य़श-मान सम्बन्धी समस्त समस्यायों से बेहद आसानी से मुक्ति पा सकेंगें.

सुरूचिपूर्ण जीवन हेतु:-
यदि आप जीवन में बार-बार परेशानी एवं कार्यों में व्यवधान अनुभव कर रहे हों, तो इसकी निवृति हेतु आपको कम से कम ग्यारह शुक्रवार लगातार गन्ने के रस द्वारा रूद्राभिषेक करना चाहिए.
संभव हो तो मद्य-माँस इत्यादि दुर्व्यसनों से पूर्णत: दूर रहें एवं नित्य प्रात: अपने पितरों के निमित्त पितर गायत्री का जाप अवश्य किया करें. 
इससे जहाँ एक ओर आपका जीवन सुगम होगा, वहीं आपको जीवन में अनायास उत्पन हो रही कईं प्रकार की परेशानियों एवं बाधाओं से भी सहज ही मुक्ति मिलने लगेगी.

पारिवारिक कलह मुक्ति एवं दाम्पत्य सुख प्राप्ति हेतु:-
यदि आप दाम्पत्य जीवन में व्यवधान यथा पति-पत्नि में विवाद, वैचारिक मतभेद, अशान्ती जन्य किन्ही कष्टों का सामना कर रहे हैं तो उसकी निवृति एवं आपसी सामंजस्य की अभिवृद्धि हेतु आपको नियमित रूप से मन्दिर/गुरूद्वारा इत्यादि किसी धार्मिक स्थल पर अवश्य जाना चाहिए. यदि संभव हो तो संयुक्त परिवार में ही निवास करें. इसके अतिरिक्त लगातार 21 बुधवार लाल वस्त्र में एक जटायुक्त नारियल बाँधकर भगवती दुर्गा के मन्दिर में अर्पित करें एवं एक बार किसी धार्मिक स्थल पर अपने हाथों केले का पौधा रौपें.

इस बात का विशेष रूप से स्मरण रखें कि उपाय अवधि में अंडा/माँस/शराब आदि किसी भी प्रकार के तामसिक पदार्थ का सेवन पूर्णत: वर्जित है.

भय, मानसिक तनाव से मुक्ति हेतु:-
यदि आप किसी वजह से मानसिक तनाव में रहते हैं अथवा किसी अज्ञात भय से पीडित हैं, अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं तो उसके लिए 7 शनिवार लगातार सुबह के समय एक काले रंग का छोटा सा गोलाकार पत्थर लेकर उसे अपने सिर से बायें से दायें की ओर घुमाकर तिलों के तेल में डुबोकर रख दें. तत्पश्चात संध्या समय उसे पीपल अथवा बरगद आदि किसी वृक्ष के नीचे रख आयें.

इससे एक ओर जहाँ आपको मानसिक तनाव/भय/दबाव इत्यादि से मुक्ति मिलने लगेगी, वहीं परिवार के अन्य सदस्यों की भिन्न-भिन्न विचारधाराओं से मन में उपजने वाली उदासीनता एवं वैमनस्य का भाव भी जागृत नहीं हो पायेगा.

वृश्चिक लग्न और कष्ट निवारक उपाय

 

वृश्चिक लग्न और कष्ट निवारक उपाय




आर्थिक समस्या निवारण हेतु:-
यदि आप आजीविका के क्षेत्र में बारबार अवरोध अनुभव कर रहे हैं, कार्यक्षेत्र में अधिकारी वर्ग से सम्बंधों में बिगाड उत्पन्न हो रहा हो अथवा पिता से तनावपूर्व स्थितियों का सामना करना पड रहा हो, तो इसके लिए सर्वप्रथम इस बात को विशेष तौर पर स्मरण रखें कि अपनी अथवा किसी अन्य की गलतियों और परेशानियों का अधिक बखान न करें अन्यथा आपको जीवन में बारबार आर्थिक समस्यायों का सामना करना पडता ही रहेगा और आप लाख प्रयत्न करने के पश्चात भी कभी पूर्णत: इस कष्ट से मुक्त नहीं हो पायेंगें.

अपनी आजीविका क्षेत्र में उत्पन अवरोध को समाप्त करने हेतु आप नियमित रूप से 16 बुधवार लगातार पान के पत्ते में 1 कौडी, 2 लौंग और चुटकी भर सिन्दूर लपेटकर दोपहर पश्चात किसी नदी/नहर/समुद्र आदि में विसर्जित करें. नित्य संध्या समय श्री बटुक भैरव स्त्रोत्र का पाठ अवश्य किया करें.

यदि आर्थिक परेशानी का सामना करना पड रहा है, बारबार धनहानि हो रही है, व्ययाधिक्य से परेशान हैं अथवा आप ऋण की समस्या से पीडित हैं तो उसकी निवृति के लिए काले पत्थर की दो वृषभ ( शिव वाहन नन्दी) प्रतिमा खरीदकर एक को भवन की ईशान दिशा में और दूसरी प्रतिमा घर के मुख्य प्रवेशद्वार के बाहरी ओर स्थापित करें. प्रत्येक बृहस्पतिवार (न्यूनतम 12 सप्ताह अवश्य) किसी वृषभ को गुड खिलाया करें एवं नित्य प्रात: पूर्वाभिमुख हो ॐ श्रीवत्सलाय वत्सराजाय नम: मन्त्र का जप किया करें.
अपने जीवन कल्याणार्थ आपको छ:मुखी रूद्राक्ष धारण करना भी उत्तम फलदायक सिद्ध होगा. पूर्ण श्रद्धा एवं विश्वासपूर्वक उपरोक्त उपाय को करें तो आप देखेंगें कि जहाँ आपकी आमदनी के स्त्रोत खुलने लगे हैं, वहीं पारिवारिक एवं सामाजिक संबंधों में भी मधुरता की अभिवृद्धि होने लगी है.

सम्पत्ति, वाहन सुख प्राप्ति हेतु:-
यदि आप जमीन-जायदाद, नजदीकी सगे सम्बन्धियों, बन्धु-बांधवों से आपसी सम्बन्धों को लेकर अथवा वाहन सम्बंधी किसी प्रकार की कोई समस्या/कष्ट का सामना कर रहे हैं, तो इसके लिए सर्वप्रथम शुक्ल पक्ष के किसी भी शनिवार के दिन अपने घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर अपनी कनिष्ठका अंगुली के बराबर साईज की चाँदी की एक-एक कील ठोक दें. तत्पश्चात सर्वप्रथम चाँदी में मंडवाकर गले में एक द्वादशमुखी रूद्राक्ष धारण करें एवं प्रत्येक मंगलवार किसी भिखारी को यथासामर्थ्य काले तिल और चावल का दान अवश्य करते रहें. इस उपाय को यदि आप नियमित रूप से श्रद्धा एवं विश्वास पूर्वक कम से कम छ माह की अवधि तक कर सकें तो आपको अपनी इन उपरोक्त सभी समस्यायों का समाधान अपने सामने दिखाई देने लगेगा.

भाग्योन्नति हेतु:-
यदि आपको भाग्योन्नति में बार-बार अवरोध कि स्थितियों का सामना करना पड रहा है, अथवा आपका प्रत्येक कार्य सफलता के समीप आकर रूक जाता हो, तो उसके लिए सर्वप्रथम किसी गुरू से दीक्षा ग्रहण करें अथवा एक बार गंगास्नान कर के आयें, तत्पश्चात शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को स्वर्ण निर्मित एक ध्वज गले में धारण करें एवं प्रत्येक शनिवार निम्न मन्त्र का 12 बार उच्चारण करते हुए लोहे के किसी पात्र में तिल का तेल भरकर और उसमें अपनी छाया देखकर भड्डरी को दान करते रहें अथवा पीपलवृक्ष के नीचे रख आयें.

ॐ तिलैस्तु निर्मितं तेलं गुह्यन्धकार निवारणम !
सर्वपाप विनिर्मुक्तं तैलं दानेन केशव !!

आप देखेंगें कि शनै: शनै: आपके भाग्य के समस्त अवरोध हटकर जीवन में शान्ति एवं समृद्धि का समावेश होने लगा हैं.

शारीरिक एवं मानसिक कष्ट निवारणार्थ हेतु:-
यदि आप किसी भी प्रकार की शारीरिक अथवा मानसिक आधि-व्याधी से परेशान हैं, रोग-बीमारी पर अधिक धन खर्च हो रहा है अथवा शत्रु पक्ष की प्रबलता बनी रहती है, तो आपको अपने जीवन कल्याणार्थ नित्य प्रति निम्न मन्त्र का जप अवश्य करना चाहिए.

ॐ शरणागतदीनार्त परित्राणपरायणे
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोस्तुते ॐ !!


ताबें के किसी पात्र द्वारा जल में रक्त चन्दन, सफेद तिल, जटामाँसी और शहद मिश्रित कर नित्य प्रति भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य देते रहें एवं एक पंचमुखी और एक दशमुखी रूद्राक्ष एक साथ शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन गले में धारण करें. 
 
इस उपाय से जहाँ एक ओर आप शारीरिक एवं मानसिक रोग-व्याधि एवं शत्रु पीडा से निजात पा सकेंगें, वहीं आपको जीवन में यदाकदा अनायास उत्पन होने वाली कईं अन्य प्रकार की परेशानियों एवं बाधाओं से भी सहज ही मुक्ति मिलने लगेगी.

दाम्पत्य सुख हेतु:-
यदि आप दाम्पत्य जीवन में व्यवधान यथा पति-पत्नि में विवाद, वैचारिक मतभेद, अशान्ती जन्य किन्ही कष्टों का सामना कर रहे हैं तो उसकी निवृति एवं आपसी सामंजस्य की अभिवृद्धि हेतु आपको सर्वप्रथम किसी मन्दिर में कांसे के पात्र का दान करना चाहिए. नित्य संध्या समय घर के पूजास्थल पर गौघृत का एक दीपक अवश्य जलाना चाहिए. अपने घर के उत्तर-पश्चिम कोण में किसी सुन्दर से मिट्टी के बर्तन में 2 चाँदी के सिक्के, 2 सुच्चे मोती (White Pearl) एवं 1 द्वादशमुखी रूद्राक्ष डालकर हमेशा के लिए रख छोडें. 

भय, मानसिक तनाव से मुक्ति हेतु:-
यदि आप किसी वजह से मानसिक तनाव में रहते हैं अथवा किसी अज्ञात भय से पीडित हैं, अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं तो उसके लिए सर्वप्रथम एक बात का ध्यान रखें कि अपने घर के पूजास्थल को कदापि परिवर्तित न करें. भवन की छत पर पक्षियों के लिए पानी पीने का पात्र रखें एवं कम से कम 12 बुधवार किसी मिट्टी के पात्र में मूँग भरकर मन्दिर में अर्पित करें. साथ ही अपने जीवन कल्याणार्थ नित्य प्रात: ॐ सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्तिसमन्विते ! भयभ्यस्त्राहि नो दुर्गा देवि नमोस्तु ते !! मन्त्र का जप अवश्य किया करें.

तुला लग्न और कष्ट निवारक उपाय

 तुला लग्न और कष्ट निवारक उपाय



आर्थिक समस्या निवारण हेतु:-

यदि आप आजीविका के क्षेत्र में बारबार अवरोध अनुभव कर रहे हैं, कार्यक्षेत्र में अधिकारी वर्ग से सम्बंधों में बिगाड उत्पन्न हो रहा हो अथवा पिता से तनावपूर्व स्थितियों का सामना करना पड रहा हो, तो इसके लिए सर्वप्रथम अपने कार्यस्थल पर उत्तर दिशा की ओर लाल वस्त्र पर चाँदी की श्री हनुमान जी की एक प्रतिमा (आकार/वजन अपनी सामर्थ्यानुसार) स्थापित करें. तत्पश्चात नित्य प्रात: उस दिशा की ओर मुख करके 21 बार ॐ महातेजसे नम: मन्त्र का उच्चारण किया करें. इसके साथ ही आपको गलें में एक सप्तमुखी मुखी रूद्राक्ष धारण करना भी श्रेष्ठफलदायक सिद्ध होगा.


केवलमात्र सिर्फ एक इसी उपरोक्त उपाय के करने से ही आप देखेंगें कि जहाँ आपकी आमदनी के स्त्रोत खुलने लगे हैं, वहीं सामाजिक संबंधों में भी मधुरता की अभिवृद्धि होने लगी है.

इसके अतिरिक्त यदि आपको व्ययाधिक्य के कारण किन्ही आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड रहा हो, तो उसकी निवृति के लिए रविवार के दिन किसी गरीब बालक को भोजन कराते रहें और सोमवार के दिन प्रात: किसी बरगद अथवा पीपल के वृक्ष की 7 परिक्रमा किया कीजिए. 


भाग्योन्नति हेतु:-

यदि आपको भाग्योन्नति में बार-बार अवरोध कि स्थितियों का सामना करना पड रहा है, अथवा आपका प्रत्येक कार्य सफलता के समीप आकर रूक जाता हो, तो उसके लिए नीलम रत्न जडित श्री बीसा यन्त्र अथवा एकमुखी रूद्राक्ष गले में धारण करें. तत्पश्चात नित्य प्रात: श्री गणपति अथर्वशीष स्त्रोत्र का 5 बार पाठ किया करें. साथ ही प्रत्येक माह अमावस्या के दिन अपने भार के दशाँश तुल्य कच्चा दूध अवश्य दान किया करें. आप देखेंगें कि शनै: शनै: आपके भाग्य के समस्त अवरोध हटकर जीवन में शान्ति एवं समृद्धि का समावेश होने लगा हैं.


सम्पत्ति, वाहन सुख प्राप्ति हेतु:-

यदि आप जमीन-जायदाद, नजदीकी सगे सम्बन्धियों अथवा वाहन सम्बंधी किसी प्रकार की कोई समस्या/कष्ट का सामना कर रहे हैं, तो इसके लिए आपको 200 ग्राम गुड की रेवडी और 200 ग्राम बतासे 21 मंगलवार तक लगातार बहते जल में प्रवाहित करना चाहिए. साथ ही शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को एक चतुर्मुखी रूद्राक्ष गले में धारण पश्चात नित्य सांयकाल श्री राम रक्षा कवच का पाठ करते रहना चाहिए. यदि आप विधिपूर्वक उपरोक्त उपाय को सम्पन्न कर सकें तो समझिए कि आप सम्पत्ति,वाहन अथवा सामाजिक व्यवहार एवं य़श-मान सम्बन्धी समस्त समस्यायों से बेहद आसानी से मुक्ति पा सकेंगें.


सुरूचिपूर्ण जीवन हेतु:-

यदि आप जीवन में बार-बार परेशानी एवं कार्यों में व्यवधान उत्पन हो रहे हों, तो आपको प्रत्येक शुक्रवार के दिन आटे में छोटा सा पनीर का टुकडा डालकर किसी गाय को खिलाते रहना चाहिए. संभव हो तो मद्य-माँस इत्यादि दुर्व्यसनों से दूर रहें एवं नित्य प्रात: अपने पितरों के निमित्त पितर गायत्री का जाप अवश्य किया करें.

इससे जहाँ एक ओर आपका जीवन सुगम होगा, वहीं आपको जीवन में अनायास उत्पन हो रही कईं प्रकार की परेशानियों एवं बाधाओं से भी सहज ही मुक्ति मिलने लगेगी.


पारिवारिक कलह मुक्ति एवं दाम्पत्य सुख प्राप्ति हेतु:-

यदि आप दाम्पत्य जीवन में व्यवधान यथा पति-पत्नि में विवाद, वैचारिक मतभेद, अशान्ती जन्य किन्ही कष्टों का सामना कर रहे हैं तो उसकी निवृति एवं आपसी सामंजस्य की अभिवृद्धि हेतु आपको सर्वप्रथम ये करना है कि एक मुट्ठी गेहूँ, एक मुट्ठी नागकेसर, एक ताबें का सिक्का, एक साबुत हल्दी की गांठ तथा चाँदी की 4 कीलें लेकर हल्दी रंगित एक पीले रंग के वस्त्र में बाँधकर पूर्णिमा के दिन घर की रसोई में किसी जगह पर टाँग दें. तत्पश्चात न्यूनतम 16 शनिवार लगातार श्री भैरव जी के सम्मुख सरसों तेल का एक चतुर्मुखी दीपक प्रज्वलित कर उन्हे नारियल, लाल पुष्प अर्पित करें.


भय, मानसिक तनाव से मुक्ति हेतु:-

यदि आप किसी वजह से मानसिक तनाव में रहते हैं अथवा किसी अज्ञात भय से पीडित हैं, अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं तो उसके लिए सफेद चन्दन से बनी किसी मूर्ती अथवा वस्तु को घर में किसी ऎसे स्थान पर रखें, जिससे कि आपके साथ-साथ आपके परिवार के अन्य सभी सदस्यों की दृष्टि भी उस पर पडती रहे. इससे एक ओर जहाँ आपको मानसिक तनाव/भय/दबाव इत्यादि से मुक्ति मिलने लगेगी, वहीं परिवार के अन्य सदस्यों की भिन्न-भिन्न विचारधाराओं से मन में उपजने वाली उदासीनता एवं वैमनस्य का भाव भी जागृत नहीं हो पायेगा.

कन्या लग्न और कष्ट निवारक उपाय

 

कन्या लग्न और कष्ट निवारक उपाय




जीवन में भरपूर सुख और सफलता की प्राप्ति हर मनुष्य का एक सपना होता है। लेकिन सुख-दुख, गम-खुशी, अमीरी-गरीबी तथा रोग एवं स्वास्थ्य आदि कालचक्र के ऎसे धुरे हैं, जो जीवन के चलने के साथ-साथ ही चलते हैं. दुनिया में हर इन्सान किसी न किसी समस्या से जूझ रहा है , जिनमें से एक होती है--व्यक्ति सम्बंधी समस्या जैसे अपने बारे में/अपनी पत्नि/संतान के बारे में,संतान होने या न होने इत्यादि के बारे में, दूसरी स्थान सम्बंधी मसलन किसी स्थान विशेष जैसे जमीन, जायदाद, मकान, व्यवसाय, नौकरी आदि की समस्या और तीसरी धातु अर्थात धन सम्बंधी समस्या. जीवन में आने वाली इन समस्यायों हेतु प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने तरीके से उपाय भी करता है, जिससे कि जीवन को सुखपूर्वक भोगा जा सके. यहाँ हम आपको आपके जन्म लग्नानुसार कुछ ऎसे ही उपायों की जानकारी दे रहे हैं, जिससे कि आप भी अपनी विभिन्न समस्यायों से सरलतापूर्वक एवं शीघ्रता से निजात पा सकते हैं. 

आर्थिक समस्या निवारण हेतु :-
यदि आप आजीविका के क्षेत्र में बारबार अवरोध अनुभव कर रहे हैं, कार्यक्षेत्र में अधिकारी वर्ग से सम्बंधों में बिगाड उत्पन्न हो रहा हो अथवा पिता से तनावपूर्व स्थितियों का सामना करना पड रहा हो, तो इसके लिए आप सर्वप्रथम लगातार 21 सोमवार तक शिवमंदिर में कर्पूर और कच्चा दूध चढायें तथा अन्तिम 21वें सोमवार को भगवान आशुतोष शिव को रात्रि 9 से 12 बजे के मध्य चाँदी का अर्ध चन्द्र भी अर्पित करें. किसी भी पूर्णिमा के दिन गले में एक सप्तमुखी रूद्राक्ष धारण करना भी आपके लिए श्रेष्ठफलदायक सिद्ध होगा.
बस, आप विधिवत इस उपाय को कीजिए और स्वयं अनुभव कीजिए कि जहाँ आपकी आमदनी के स्त्रोत खुलने लगे हैं, वहीं आपके सामाजिक संबंधों में भी मधुरता की अभिवृद्धि होने लगी है. इसके अतिरिक्त यदि आपको व्ययाधिक्य(खर्च की अधिकता) के कारण किन्ही आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड रहा हो, तो उसकी निवृति के लिए प्रत्येक गुरूवार के दिन किसी दोरंगी गाय को गुड अवश्य खिलाया करें एवं परिवार के बडे-बुजुर्गों के नित्य चरण-स्पर्श किया करें. 

भाग्योन्नति हेतु :-
यदि आपको भाग्योन्नति में बार-बार अवरोध कि स्थितियों का सामना करना पड रहा है, अथवा आपका प्रत्येक कार्य सफलता के समीप आकर रूक जाता हो, तो उसके लिए घर/कार्यस्थल के पूजास्थान पर चाँदी का श्रीयन्त्र स्थापित करें. एक बार किसी तीर्थस्थान पर जाकर वहाँ अपने हाथों 7 फलदार वृक्षों का रोपण करें. साथ ही नित्य प्रात: अपने आराध्यदेव के सम्मुख निम्न मन्त्र का जाप अवश्य किया करें.

ॐ ब्रह्मजज्ञानं प्रथमं पुरस्ताद्विसीमत: सुरूचोव्वेनआव: 
सबुध्न्या उपमा अस्य विष्ठा: सतश्वयोनिमसतश्वव्विव: ॐ ब्रह्मणे नम: !!

कुछ समय पश्चात ही आप पायेंगें कि शनै: शनै: आपके भाग्य के समस्त अवरोध हटकर जीवन में शान्ति एवं समृद्धि का समावेश होने लगा हैं.

सम्पत्ति, वाहन सुख प्राप्ति हेतु :-
यदि आप जमीन-जायदाद, नजदीकी सगे सम्बन्धियों अथवा वाहन सम्बंधी किसी प्रकार की कोई समस्या/कष्ट का सामना कर रहे हैं, तो इसके लिए सर्वप्रथम पूर्णिमा के दिन भगवती लक्ष्मी के मन्दिर में जाकर उनकी पोशाक भेंट करें. तत्पश्चात न्यूनतम 11/21 शुक्रवार लगातार मावा एवं मिश्री के 3 लड्डू मन्दिर में चढाते रहें एवं नित्य प्रात: निम्न मन्त्र का जाप किया करें. 


ॐ मातेव पुत्रं पृथिवी पुरीष्यमग्निगू स्वेयोनावभारूषा !
तां विश्वेदेवर्त्रतुभि: संवदान: प्रजापतिर्विश्वकर्मा विमुंचतु !!


यदि आप पूर्ण निष्ठा एवं श्रद्धाभाव से उपरोक्त उपाय को विधिवत अंजाम दे सकें तो यकीन कीजिए कि आप निश्चित रूप से अपनी समस्या से अतिशीघ्र मुक्ति प्राप्त कर सकेंगें. 

सुरूचिपूर्ण जीवन हेतु :-
यदि आप जीवन में बार-बार परेशानी एवं अपने महत्वपूर्ण कार्यों में उत्पन्न हो रहे व्यर्थ के व्यवधानों से पीडा झेल रहे हैं, तो आपको सर्वप्रथम अपने घर/कार्यस्थल की दक्षिण दिशा में धातु अथवा भोजपत्र पर अंकित श्री दुर्गा बीसा यन्त्र को स्थापित कर लेना चाहिए. तत्पश्चात किसी भी रविवार के दिन लाल वस्त्र में एक मुट्ठी कमल के बीज बाँधकर अपने घर के पूजास्थल अथवा अपनी अल्मारी में रखें एवं प्रात:काल घर से प्रस्थान करते समय निम्न मन्त्र का मन में उच्चारण अवश्य किया करें.

ॐ क्षीरोदक समद्भुतं लवणं पापनाशनम !
सर्वरससमुद्भुतं मत्त: शान्तिं प्रयच्छ मे !!उपरोक्त वर्णित उपाय से जहाँ एक ओर आपके घर-परिवार में सुख-समृद्धि का वास होगा, वहीं जीवन में अनायास उत्पन हो रही अनेकानेक प्रकार की परेशानियों एवं बाधाओं से भी सहज ही मुक्ति मिलने लगेगी.

दाम्पत्य सुख वृद्धि हेतु:-
यदि आप दाम्पत्य जीवन में व्यवधान यथा पति-पत्नि में विवाद, वैचारिक मतभेद, अशान्ती जन्य किन्ही कष्टों का सामना कर रहे हैं तो उसकी निवृति एवं आपसी सामंजस्य की अभिवृद्धि हेतु आप सर्वप्रथम अपने घर की पश्चिम दिशा में पीतल धातु की एक तराजू स्थापित करें. साथ ही कम से कम 12 बुधवार लगातार एक लाल फटकरी का बडा सा टुकडा रातभर अपने शयनकक्ष में रखकर अगले दिन सुबह किसी नदी/नहर इत्यादि में प्रवाहित करते रहें एवं पति-पत्नि दोनों गले में स्वर्णमंडित द्विमुखी रूद्राक्ष धारण करें. विशेष रूप से ध्यान रखें कि उपाय कालावधि में किसी भी प्रकार के अभक्ष्य पदार्थ का सेवन पूर्णत: वर्जित है. 

भय, मानसिक तनाव से मुक्ति हेतु :-
यदि आप किसी वजह से मानसिक तनाव में रहते हैं अथवा किसी अज्ञात भय से पीडित हैं, अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं तो उसके लिए मंगलवार के दिन ताबें के बर्तन में चावल भरकर श्री हनुमान मन्दिर में चढायें एवं अमावस्या के दिन दाहिने हाथ की अनामिका अंगुली में सोना+चाँदी+ताँबा मिश्रित त्रिधातु की एक अंगूठी धारण करें. साथ ही नित्य भगवान अग्निदेव का स्मरण करते हुए ॐ अग्नये नम: मन्त्र का यथाशक्ति जाप अवश्य करते रहें तो समझिए आपके ये सभी कष्ट, भय इत्यादि उसी अग्नि में भस्मीभूत होने लगेंगें.

सिँह लग्न और समस्या निवारक उपाय

 सिँह लग्न और समस्या निवारक उपाय



जीवन में भरपूर सुख और सफलता की प्राप्ति हर मनुष्य का एक सपना होता है। लेकिन सुख-दुख, गम-खुशी, अमीरी-गरीबी तथा रोग एवं स्वास्थ्य आदि कालचक्र के ऎसे धुरे हैं, जो जीवन के चलने के साथ-साथ ही चलते हैं. दुनिया में हर इन्सान किसी न किसी समस्या से जूझ रहा है , जिनमें से एक होती है--व्यक्ति सम्बंधी समस्या जैसे अपने बारे में/अपनी पत्नि/संतान के बारे में,संतान होने या न होने इत्यादि के बारे में, दूसरी स्थान सम्बंधी मसलन किसी स्थान विशेष जैसे जमीन, जायदाद, मकान, व्यवसाय, नौकरी आदि की समस्या और तीसरी धातु अर्थात धन सम्बंधी समस्या. जीवन में आने वाली इन समस्यायों हेतु प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने तरीके से उपाय भी करता है, जिससे कि जीवन को सुखपूर्वक भोगा जा सके. यहाँ हम आपको आपके जन्म लग्नानुसार कुछ ऎसे ही उपायों की जानकारी दे रहे हैं, जिससे कि आप भी अपनी विभिन्न समस्यायों से सरलतापूर्वक एवं शीघ्रता से निजात पा सकते हैं. 


आर्थिक समस्या निवारण हेतु:-

यदि आप आजीविका के क्षेत्र में बारबार अवरोध अनुभव कर रहे हैं, कार्यक्षेत्र में अधिकारी वर्ग से सम्बंधों में बिगाड उत्पन्न हो रहा हो अथवा पिता से तनावपूर्व स्थितियों का सामना करना पड रहा हो, तो इसके लिए आपको एक स्वर्णमंडित 12 मुखी रूद्राक्ष धारण करना श्रेष्ठफलदायक सिद्ध होगा. इसके अतिरिक्त आपको नियमपूर्वक ताबें के सुराख युक्त 7 सिक्के कम से कम महीने में एक रविवार अवश्य ही बहते हुए पवित्र जल में प्रवाहित करते रहना चाहिए. नित्य प्रात: " ॐ क्लीं ब्रह्मणे जगदाधाराय नम: " मन्त्र का कुछ समय जाप अवश्य किया करें. आप देखेंगें कि इस उपाय से जहाँ आपकी आमदनी के स्त्रोत खुलने लगे हैं, वहीं सामाजिक संबंधों में भी मधुरता की अभिवृद्धि होने लगी है.


भाग्योन्नति हेतु:-

यदि आपको भाग्योन्नति में बार-बार अवरोध कि स्थितियों का सामना करना पड रहा है, अथवा आपका प्रत्येक महत्वपूर्ण कार्य सफलता के समीप आकर रूक जाता हो, तो उसके लिए आप प्रात: काल उठते ही सर्वप्रथम घर के बडे-बुजुर्गों के चरण-स्पर्श किया करें. प्रत्येक पूर्णिमा के दिन किसी वृद्ध कर्मकाँडी ब्राह्मण को भोजन कराया करें. नित्य संध्या पश्चात कुछ देर " ॐ भगप्रणेतर्भगसत्यराधो भगेमांधियमुदवाददन्न: भगप्रणोजनयगोभिरश्वैप्रतिभर्नृवंत स्याम ॐ भगाय नम: " मन्त्र का जाप अवश्य किया करें.

आप देखेंगें कि शनै: शनै: आपके भाग्य के समस्त अवरोध हटकर जीवन में शान्ति एवं समृद्धि का समावेश होने लगा हैं


सुरूचिपूर्ण जीवन हेतु:-

यदि आप जीवन में बार-बार परेशानी एवं कार्यों में व्यवधान उत्पन हो रहे हों, तो आपको प्रत्येक गुरूवार के दिन किसी ब्राह्मण को फल का दान अवश्य करते रहना चाहिए. इसके अतिरिक्त नित्य प्रात: अथवा संध्या समय कुछ देर निम्न मन्त्र का जाप करें. ॐ ह्रीं हिमकुन्द मृणालाभं दैत्यानां परमं गुरूम ! सर्वशास्त्र प्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम !! इससे आपको जीवन में अनायास उत्पन हो रही कईं प्रकार की परेशानियों एवं बाधाओं से सहज ही मुक्ति मिलने लगेगी.


सम्पत्ति, वाहन सुख प्राप्ति हेतु:-

यदि आप जमीन-जायदाद, नजदीकी सगे सम्बन्धियों अथवा वाहन सम्बंधी किसी प्रकार की कोई समस्या/कष्ट का सामना कर रहे हैं, तो इसके लिए सर्वप्रथम मिश्रित धातु का एक छल्ला/रिंग तर्जनी अंगुली में धारण करें. विवाहित हों तो अपनी ससुराल से उपहारस्वरूप चाँदी का कोई पात्र लेकर उसे जीवनपर्यन्त घर में संभालकर रखें. एक बार शुक्ल पक्ष के किसी भी मंगलवार के दिन एक शंख लाल वस्त्र में लपेटकर मन्दिर में अर्पित करें. इसके अतिरिक्त नित्य प्रात: (रविवार का दिन छोडकर) स्नान पश्चात तुलसी के पौधे को जल अर्पित किया करें, तो कुछ समय पश्चात आप पायेंगें कि आपकी चिन्तायें दूर होकर आपको अपनी समस्या का समाधान दिखलाई देने लगा है.


भय, मानसिक तनाव से मुक्ति हेतु:-

यदि आप किसी वजह से मानसिक तनाव में रहते हैं अथवा किसी अज्ञात भय से पीडित हैं, अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं तो उसके लिए प्रत्येक अमावस्या के दिन नदी इत्यादि किसी पवित्र जल में नारियल और काले तिल मिलाकर प्रवाहित करते रहना चाहिए. साथ ही सोने के छोटे-छोटे चार चौकोर टुकडे सदैव अपने पास पर्स इत्यादि में रखे रहें एवं अपने घर के पूजास्थल पर एक सफेद संगमरमर पत्थर की छोटी गणपति प्रतिमा भी स्थापित करें. 


दाम्पत्य सुख हेतु:-

यदि आप दाम्पत्य जीवन में व्यवधान यथा पति-पत्नि में विवाद, वैचारिक मतभेद, अशान्ती जन्य किन्ही कष्टों का सामना कर रहे हैं तो उसकी निवृति एवं आपसी सामंजस्य की अभिवृद्धि हेतु आपको चाँदी के किसी पात्र में शहद भरकर अपने शयनकक्ष में रखना चाहिए. कम से कम 43 दिन लगातार शिवलिंग पर गुलाबजल मिश्रित जल से रूद्राभिषेक करना चाहिए. साथ ही गले में एक गौरी-शंकर रूद्राक्ष पूर्णिमा के दिन धारण करें, तो आपके दाम्पत्य जीवन के समस्त व्यवधान समाप्त होकर पति-पत्नि में आपसी सामंजस्य की अभिवृद्धि होने लगेगी.

कर्क लग्न और कष्ट निवारक उपाय

कर्क लग्न और कष्ट निवारक उपायकर्क लग्न और कष्ट निवारक उपाय 




जीवन में भरपूर सुख और सफलता की प्राप्ति हर मनुष्य का एक सपना होता है। लेकिन सुख-दुख, गम-खुशी, अमीरी-गरीबी तथा रोग एवं स्वास्थ्य आदि कालचक्र के ऎसे धुरे हैं, जो जीवन के चलने के साथ-साथ ही चलते हैं. दुनिया में हर इन्सान किसी न किसी समस्या से जूझ रहा है , जिनमें से एक होती है--व्यक्ति सम्बंधी समस्या जैसे अपने बारे में/अपनी पत्नि/संतान के बारे में,संतान होने या न होने इत्यादि के बारे में, दूसरी स्थान सम्बंधी मसलन किसी स्थान विशेष जैसे जमीन, जायदाद, मकान, व्यवसाय, नौकरी आदि की समस्या और तीसरी धातु अर्थात धन सम्बंधी समस्या. जीवन में आने वाली इन समस्यायों हेतु प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने तरीके से उपाय भी करता है, जिससे कि जीवन को सुखपूर्वक भोगा जा सके. यहाँ हम आपको आपके जन्म लग्नानुसार कुछ ऎसे ही उपायों की जानकारी दे रहे हैं, जिससे कि आप भी अपनी विभिन्न समस्यायों से सरलतापूर्वक एवं शीघ्रता से निजात पा सकते हैं.

आर्थिक समस्या निवारण हेतु:-

यदि आप आजीविका के क्षेत्र में बारबार अवरोध अनुभव कर रहे हैं, कार्यक्षेत्र में अधिकारी वर्ग से सम्बंधों में बिगाड उत्पन्न हो रहा हो अथवा पिता से तनावपूर्व स्थितियों का सामना करना पड रहा हो, तो इसके लिए आपको 10 मुखी रूद्राक्ष धारण करना श्रेष्ठफलदायक सिद्ध होगा. साथ ही प्रत्येक रविवार के दिन पके हुए चावलों में शक्कर मिलाकर बैल अथवा सांड को खिलाते रहें. अपने खानपान में नमक का सेवन कम से कम किया करें. आप देखेंगें कि इस उपरोक्त उपाय से जहाँ आपकी आमदनी के स्त्रोत खुलने लगे हैं, वहीं सामाजिक संबंधों में भी मधुरता की अभिवृद्धि होने लगी है. इसके अतिरिक्त यदि आपको व्ययाधिक्य के कारण किन्ही आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड रहा हो, तो उसकी निवृति के लिए प्रत्येक अमावस्या एवं पूर्णिमा के दिन किसी गरीब व्यक्ति को कच्ची खिचडी (दाल+चावल मिश्रित) का दान अवश्य किया करें.

भाग्योन्नति हेतु:-

यदि आपको भाग्योन्नति में बार-बार अवरोध कि स्थितियों का सामना करना पड रहा है, अथवा आपका प्रत्येक कार्य सफलता के समीप आकर रूक जाता हो, तो आपके लिए सर्वोत्तम परामर्श यही है कि आप अपने किसी भी कार्य को आरम्भ करने से पूर्व सर्वप्रथम अपने पितरों को अवश्य नमन किया करें. साथ ही एक गौरीशंकर रूद्राक्ष धारण पश्चात नित्य प्रात: निम्नलिखित श्री विघ्न विनाशक गणपति स्त्रोत्र का पाठ करते रहें.

परं धाम परं ब्रह्म परेशं परमीश्वरम !

विघ्ननिघ्नकरं शान्तं पुष्टं कान्तमनन्तकम !!

सुरासुरेन्द्रै: सिद्धेन्द्रै: स्तुतं स्तौमि परात्परम् !

सुरपद्यदिनेशं च गणेशं मंगलायनम !!

इदं स्तोत्रं महापुण्यं विघ्नशोकहरं परमं !

य: पठेत प्रातरूत्थाय सर्वविघ्नात प्रमुच्यते !!

सुरूचिपूर्ण जीवन हेतु:-

यदि आपको जीवन में बार-बार अनायास परेशानी एवं कार्यों में व्यवधान का सामना करना पड रहा है, तो इसके लिए आपको नियमित रूप से प्रतिदिन अपने आराध्यदेव के सम्मुख तिल के तेल का दीपक अवश्य जलाना चाहिए. साथ ही मंगलवार के दिन पान के एक पत्ते पर लौंग, सुपारी, गुड एवं एक चुटकी केसर रखकर भगवान गणपति के चरणों में अर्पित करते रहें. महज इन उपरोक्त उपायों से ही आपको जीवन में अनायास उत्पन हो रही कईं प्रकार की परेशानियों एवं बाधाओं से सहज ही मुक्ति मिलने लगेगी.

सम्पत्ति, वाहन सुख प्राप्ति हेतु:-

यदि आप जमीन-जायदाद, नजदीकी सगे सम्बन्धियों अथवा वाहन सम्बंधी किसी प्रकार की कोई समस्या/कष्ट का सामना कर रहे हैं, तो इसके लिए सर्वप्रथम चाँदी में मंडवाकर गले में एक एकादशमुखी रूद्राक्ष धारण करें. उसके बाद नित्य रात्रि को चाँदी के किसी पात्र में जल भरकर रखें तथा सुबह स्नानादि पश्चात उसमें एक चुटकी भर केसर/हल्दी मिलाकर, उस जल से पीपल के किसी वृक्ष का सिंचन करें. ऎसा लगातार कम से कम अढाई-तीन माह की अवधि तक ( रविवार का दिन छोडकर ) निरन्तर करें तो आपकी समस्या का समाधान स्वत: ही निकलने लगेगा.

दाम्पत्य सुख हेतु:-

यदि आप दाम्पत्य जीवन में व्यवधान यथा पति-पत्नि में विवाद, वैचारिक मतभेद, अशान्ती जन्य किन्ही कष्टों का सामना कर रहे हैं तो उसकी निवृति एवं आपसी सामंजस्य की अभिवृद्धि हेतु आप नियमित रूप से प्रत्येक मंगलवार के दिन शिवलिंग पर एक पंचमुखी रूद्राक्ष और रक्त चन्दन मिश्रित जल चढायें एवं संध्या समय श्री शिवलीलामृत स्त्रोत्र का पाठ करें. यदि आप आमिष भोजी हैं तो ध्यान रहे कि उपाय काल में अंडा/माँस/शराब आदि किसी भी प्रकार के अभक्ष्य पदार्थ का सेवन पूर्णत: वर्जित है. 

भय, मानसिक तनाव से मुक्ति हेतु:-

यदि आप किसी वजह से मानसिक तनाव में रहते हैं अथवा किसी अज्ञात भय से पीडित हैं, अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं तो उसके लिए स्वर्ण मंडित 2 मुखी रूद्राक्ष गले में धारण करें. साथ ही कम से कम एक बार किन्ही 3 छोटी कन्यायों को मोती अथवा स्फटिक की माला उपहार में दें.

मिथुन लग्न और कष्ट निवारक उपाय

 मिथुन लग्न और कष्ट निवारक उपाय



जीवन में भरपूर सुख और सफलता की प्राप्ति हर मनुष्य का एक सपना होता है। लेकिन सुख-दुख, गम-खुशी, अमीरी-गरीबी तथा रोग एवं स्वास्थ्य आदि कालचक्र के ऎसे धुरे हैं, जो जीवन के चलने के साथ-साथ ही चलते हैं. दुनिया में हर इन्सान किसी न किसी समस्या से जूझ रहा है , जिनमें से एक होती है--व्यक्ति सम्बंधी समस्या जैसे अपने बारे में/अपनी पत्नि/संतान के बारे में,संतान होने या न होने इत्यादि के बारे में, दूसरी स्थान सम्बंधी मसलन किसी स्थान विशेष जैसे जमीन, जायदाद, मकान, व्यवसाय, नौकरी आदि की समस्या और तीसरी धातु अर्थात धन सम्बंधी समस्या. जीवन में आने वाली इन समस्यायों हेतु प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने तरीके से उपाय भी करता है, जिससे कि जीवन को सुखपूर्वक भोगा जा सके. यहाँ हम आपको आपके जन्म लग्नानुसार कुछ ऎसे ही उपायों की जानकारी दे रहे हैं, जिससे कि आप भी अपनी विभिन्न समस्यायों से सरलतापूर्वक एवं शीघ्रता से निजात पा सकते हैं. 

आर्थिक समस्या निवारण हेतु :-

यदि आपकी आय के मार्ग अवरूद्ध होंने लगें अथवा आपका किसी को दिया हुआ पैसा वापिस नहीं मिल पा रहा हो, तो उसके लिए नित्य प्रात: श्री विष्णु सहस्त्रनाम अथवा श्री नारायण कवच का पाठ करें. एक नवमुखी रूद्राक्ष चाँदी में मंडवाकर शुक्रवार के दिन गले में धारण करें एवं घर/कार्यस्थल की पूर्व दिशा में एक मछलीघर (Aquarium ) स्थापित करें. इसके अतिरिक्त न्यूनतम 12 मंगलवार लगातार श्यामक चावलों की खीर बनाकर मन्दिर में दान करें. उपरोक्त उपायों के विधिवत क्रियान्वन पश्चात आप पायेंगें कि जहाँ आपकी आमदनी के स्त्रोत खुलने लगे हैं, वहीं यदि किसी के पास आपका धन उधार फंस गया है तो अल्प प्रत्यनों से उसकी प्राप्ति भी होने लगेगी.


भाग्योन्नति हेतु :-

यदि आपको भाग्योन्नति में बार-बार अवरोध कि स्थितियों का सामना करना पड रहा है, अथवा आपका प्रत्येक कार्य सफलता के समीप आकर रूक जाता हो, तो उसके लिए सर्वप्रथम गले में एक द्वादशमुखी रूद्राक्ष सोने में धारण करें. तत्पश्चात नियमपूर्वक प्रत्येक शनिवार के दिन उडद की दाल से बना कोई भी पदार्थ किसी गरीब व्यक्ति को अवश्य दान किया करें. इसके अतिरिक्त कम से कम 5 अमावस्या लगातार जल में शहद, काले तिल एवं कच्चा दूध मिलाकर उत्तराभिमुख हो पीपल/बरगद के किसी वृक्ष पर अवश्य चढाना चाहिए. यदि आप नियमपूर्वक इन उपरोक्त उपायों को कर सकें, तो आप देखेंगें कि शनै: शनै: आपके भाग्य के समस्त अवरोध मिटने लगे हैं.


सुरूचिपूर्ण जीवन हेतु :-

यदि आप जीवन में बार-बार परेशानी अथवा अपने कार्यों में व्यर्थ के व्यवधान अनुभव कर रहे हैं, तो इसके लिए अपने घर के पूजास्थान पर चाँदी के किसी पात्र में सात सफेद अकीक गंगाजल में डुबोकर रखें, साथ ही नियमपूर्वक प्रत्येक बृहस्पतिवार के दिन किसी धार्मिक स्थल पर थोडा सा पीला गोपीचन्दन अर्पित करते रहें. केवलमात्र इन दो उपायों से ही आप पायेंगें कि आपके जीवन में अनायास उत्पन हो रही कईं प्रकार की परेशानियों एवं विघ्न बाधाओं से आपको सहज ही मुक्ति मिलने लगी है.


सम्पत्ति, वाहन सुख प्राप्ति हेतु :-

यदि आप जमीन-जायदाद, नजदीकी सगे सम्बन्धियों अथवा वाहन सम्बंधी किसी प्रकार की कोई समस्या/कष्ट का सामना कर रहे हैं, तो इसके लिए लगातार 16 सोमवार किसी नदी/नहर इत्यादि में आधा लीटर कच्चा दूध प्रवाहित करें. साथ ही द्विमुखी रूद्राक्ष चाँदी में मंडवाकर शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन गले में धारण करें तो आपकी समस्या का समाधान स्वत: ही निकलने लगेगा.


दाम्पत्य सुखवृद्धि हेतु:-

यदि आप दाम्पत्य जीवन में व्यवधान यथा पति-पत्नि में विवाद, वैचारिक मतभेद, अशान्ती जन्य किन्ही कष्टों का सामना कर रहे हैं अथवा व्यापारिक सांझेदारी में शत्रुतापूर्ण स्थितियाँ उत्पन्न हो रही हों तो उसकी निवृति एवं आपसी सामंजस्य की अभिवृद्धि हेतु लगातार 7 बृहस्पतिवार भगवान श्री लक्ष्मीनारायण अथवा श्रीराधाकृष्ण जी के मन्दिर में जाकर उन्हे हल्दी की माला पहनायें, उनके सम्मुख केले के पत्ते पर रखकर आटे का बना शुद्ध घी का एक दीपक प्रज्ज्वलित्त करें. घर/व्यापारिक प्रतिष्ठान में सफेद पत्थर के नन्दी (शिव वाहन) जी स्थापित करें. स्थायी फल प्राप्ति हेतु वर्ष में एक बार किसी भी माह की पूर्णिमा के दिन 5 वृद्धजनों को भोजन अवश्य करा दिया करें. 

भय, मानसिक तनाव से मुक्ति हेतु :-

यदि आप किसी वजह से मानसिक तनाव में रहते हैं अथवा किसी अज्ञात भय से पीडित हैं, अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं तो उसके लिए अपने घर में सफेद रंग के पुष्प उत्पन्न करने वाले पौधे लगायें. ताँबा धातु में मंडवाकर एक पंचमुखी रूद्राक्ष रविवार के दिन गले में धारण करें तथा सप्ताह में एक बार बुधवार के दिन जल में फटकरी डालकर स्नान करें. इससे जहाँ आप मानसिक तनाव/भय इत्यादि से मुक्त हो पायेंगें, वहीं आपके आत्मबल में वृद्धि होकर आप सामाजिक मान-प्रतिष्ठा भी प्राप्त करेंगें.

वृषभ लग्न और कष्ट निवारक उपाय

 

वृषभ लग्न और कष्ट निवारक उपाय





जीवन में भरपूर सुख और सफलता की प्राप्ति हर मनुष्य का एक सपना होता है। लेकिन सुख-दुख, गम-खुशी, अमीरी-गरीबी तथा रोग एवं स्वास्थ्य आदि कालचक्र के ऎसे धुरे हैं, जो जीवन के चलने के साथ-साथ ही चलते हैं. दुनिया में हर इन्सान किसी न किसी समस्या से जूझ रहा है , जिनमें से एक होती है--व्यक्ति सम्बंधी समस्या जैसे अपने बारे में/अपनी पत्नि/संतान के बारे में,संतान होने या न होने इत्यादि के बारे में, दूसरी स्थान सम्बंधी मसलन किसी स्थान विशेष जैसे जमीन, जायदाद, मकान, व्यवसाय, नौकरी आदि की समस्या और तीसरी धातु अर्थात धन सम्बंधी समस्या. जीवन में आने वाली इन समस्यायों हेतु प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने तरीके से उपाय भी करता है, जिससे कि जीवन को सुखपूर्वक भोगा जा सके.
यहाँ हम आपको आपके जन्म लग्नानुसार कुछ ऎसे ही उपायों की जानकारी दे रहे हैं, जिससे कि आप भी अपनी विभिन्न समस्यायों से सरलतापूर्वक एवं शीघ्रता से निजात पा सकते हैं.

आर्थिक समस्या निवारण हेतु :-
यदि आप आजीविका के क्षेत्र में बारबार अवरोध अनुभव कर रहे हैं, कार्यक्षेत्र में अधिकारी वर्ग से सम्बंधों में बिगाड उत्पन्न हो रहा हो अथवा पिता से तनावपूर्व स्थितियों का सामना करना पड रहा हो, तो इसके लिए आपको 13 मुखी रूद्राक्ष धारण करना श्रेष्ठफलदायक सिद्ध होगा. साथ ही नित्य प्रात: ॐ उपेन्द्राय अच्युताय नम : मन्त्र का 10-15 मिनट जाप अवश्य किया करें. आप देखेंगें कि इस उपाय से जहाँ आपकी आमदनी के स्त्रोत खुलने लगे हैं, वहीं सामाजिक संबंधों में भी मधुरता की अभिवृद्धि होने लगी है.इसके अतिरिक्त यदि आपको व्ययाधिक्य के कारण किन्ही आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड रहा हो, तो उसकी निवृति के लिए प्रत्येक रविवार के दिन श्रीलक्ष्मीनारायण अथवा श्री रामदरबार मन्दिर में जाकर भगवान को दण्डवत प्रणाम करें एवं बुधवार के दिन कपिला गाय को चारा खिलाते रहें.

भाग्योन्नति हेतु :-
यदि आपको भाग्योन्नति में बार-बार अवरोध कि स्थितियों का सामना करना पड रहा है, अथवा आपका प्रत्येक कार्य सफलता के समीप आकर रूक जाता हो, तो उसके लिए लगातार 16 शनिवार उडद की दाल की सरसों के तेल में बनी पकौडियाँ/कचौरियाँ भिखारियों को दान में दें. साथ ही प्रतिदिन रात को सोने से पूर्व "जन्मान्तरम सहस्त्रेषु, दारिद्रयं नोपजायते" मन्त्र का जाप अवश्य किया करें आप देखेंगें कि शनै: शनै: आपके भाग्य के समस्त अवरोध हटकर जीवन में शान्ति एवं समृद्धि का समावेश होने लगा हैं.

सुरूचिपूर्ण जीवन हेतु :-
यदि आप जीवन में बार-बार परेशानी एवं कार्यों में व्यवधान उत्पन हो रहे हों, तो आपको प्रत्येक गुरूवार के दिन किसी ब्राह्मण को फल का दान अवश्य करते रहना चाहिए. इसके अतिरिक्त नित्य प्रात: अथवा संध्या समय कुछ देर निम्न मन्त्र का जाप करें. ॐ ह्रीं हिमकुन्द मृणालाभं दैत्यानां परमं गुरूम ! सर्वशास्त्र प्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम !! इससे आपको जीवन में अनायास उत्पन हो रही कईं प्रकार की परेशानियों एवं बाधाओं से सहज ही मुक्ति मिलने लगेगी.

सम्पत्ति, वाहन सुख प्राप्ति हेतु :-
यदि आप जमीन-जायदाद, नजदीकी सगे सम्बन्धियों अथवा वाहन सम्बंधी किसी प्रकार की कोई समस्या/कष्ट का सामना कर रहे हैं, तो इसके लिए सर्वप्रथम चाँदी में मंडवाकर गले में एक पंचमुखी रूद्राक्ष धारण करें. उसके बाद नित्य रात्रि को ताबें के किसी पात्र में जल भरकर रखें तथा सुबह स्नानादि पश्चात उस जल में एक चुटकी भर चावल मिलाकर भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य दें. तत्पश्चात घर के बडे-बुजुर्गों के चरण-स्पर्श करें. यदि उस समय घर में कोई बुजुर्ग व्यक्ति न हो अथवा परिवार से कहीं दूर निवास कर रहे हों तो आप इसे मानसिक रूप से भी कर सकते हैं. ऎसा लगातार कम से कम तीन माह की अवधि तक निरन्तर करें तो आपकी समस्या का समाधान स्वत: ही निकलने लगेगा.

दाम्पत्य सुख हेतु:-
यदि आप दाम्पत्य जीवन में व्यवधान यथा पति-पत्नि में विवाद, वैचारिक मतभेद, अशान्ती जन्य किन्ही कष्टों का सामना कर रहे हैं तो उसकी निवृति एवं आपसी सामंजस्य की अभिवृद्धि हेतु आप न्यूनतम 12 मंगलवार लगातार श्री हनुमान जी के सम्मुख शुद्ध घी का द्विमुखी दीपक प्रज्वलित करें तथा उन्हे लाल चन्दन की माला अर्पित करें. साथ ही अभक्ष्य पदार्थों के सेवन से यथासंभव बचकर रहें.

भय, मानसिक तनाव से मुक्ति हेतु :-
यदि आप किसी वजह से मानसिक तनाव में रहते हैं अथवा किसी अज्ञात भय से पीडित हैं, अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं तो उसके लिए अपने परिवार की किसी विवाहित स्त्री को लाल रंग का वस्त्र उपहार में दें एवं अपने इष्टदेव को नित्य प्रात:काल केसर + रक्त चन्दन का तिलक लगायें.

मेष लग्न और कष्ट निवारक उपाय

 



जीवन में भरपूर सुख और सफलता की प्राप्ति हर मनुष्य का एक सपना होता है। लेकिन सुख-दुख, गम-खुशी, अमीरी-गरीबी तथा रोग एवं स्वास्थ्य आदि कालचक्र के ऎसे धुरे हैं, जो जीवन के चलने के साथ-साथ ही चलते हैं. दुनिया में हर इन्सान किसी न किसी समस्या से जूझ रहा है , जिनमें से एक होती है--व्यक्ति सम्बंधी समस्या जैसे अपने बारे में/अपनी पत्नि/संतान के बारे में,संतान होने या न होने इत्यादि के बारे में, दूसरी स्थान सम्बंधी मसलन किसी स्थान विशेष जैसे जमीन, जायदाद, मकान, व्यवसाय, नौकरी आदि की समस्या और तीसरी धातु अर्थात धन सम्बंधी समस्या. जीवन में आने वाली इन समस्यायों हेतु प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने तरीके से उपाय भी करता है, जिससे कि जीवन को सुखपूर्वक भोगा जा सके.




यहाँ हम आपको आपके जन्म लग्नानुसार कुछ ऎसे ही उपायों की जानकारी दे रहे हैं, जिससे कि आप भी अपनी विभिन्न समस्यायों से सरलतापूर्वक एवं शीघ्रता से निजात पा सकते हैं.

आर्थिक समस्या निवारण हेतु :-

यदि आपकी आय के मार्ग अवरूद्ध होंने लगें अथवा आपका किसी को दिया हुआ पैसा वापिस नहीं मिल पा रहा हो, तो उसके लिए निरन्तर शनिवार के दिन पीपल के 21 अखंडित पत्तों की माला बनाकर श्री हनुमान जी को अर्पित करें एवं इस कालावधि में नित्य संध्या समय श्री हनुमानाष्टक का पाठ करें. आप देखेंगें कि इस उपाय से जहाँ आपकी आमदनी के स्त्रोत खुलने लगे हैं, वहीं यदि किसी के पास आपका धन उधार फंस गया है तो अल्प प्रत्यनों से उसकी प्राप्ति भी होने लगेगी.


भाग्योन्नति हेतु :-

यदि आपको भाग्योन्नति में बार-बार अवरोध कि स्थितियों का सामना करना पड रहा है, अथवा आपका प्रत्येक कार्य सफलता के समीप आकर रूक जाता हो, तो उसके लिए आपको गाय के कच्चे दूध में केसर घिसकर उसका तिलक अपने ललाट एवं नाभि के समीप लगाना चाहिए. साथ ही न्यूनतम 16 बृहस्पतिवार केसरयुक्त चावल कन्यायों अथवा गायों को खिलाना चाहिए.
साथ ही जीवन कल्याणार्थ श्री पीताम्बरा श्रीकवच धारण करना अथवा प्रतिदिन सोने और उठने के समय श्री रामावतार महिमा का पाठ/श्रवण किया करें. 
आप देखेंगें कि शनै: शनै: आपके भाग्य के समस्त अवरोध मिटने लगे हैं तथा जीवन में सुख एवं शान्ति का समावेश होने लगा है.

सुरूचिपूर्ण जीवन हेतु :-

यदि आप जीवन में बार-बार परेशानी एवं कार्यों में व्यवधान उत्पन हो रहे हों, तो आपको प्रत्येक मंगलवार के दिन श्री हनुमान जी के मन्दिर में जाकर गुड एवं चने का प्रसाद चढाना चाहिए तथा उस प्रसाद को वहीं मन्दिर में ही बाँट देना चाहिए. साथ ही नित्य प्रात: काल में निम्न मन्त्र का जाप अवश्य किया करें.

ॐ आदिदेव नमस्तुभ्यं सप्तसप्ते दिवाकर !
त्वं रवे तारय स्वास्मानस्मात्संसार सागरात !!

उपरोक्त उपाय के विधिवत निष्पादन से जीवन में अनायास उत्पन हो रही कईं प्रकार की परेशानियों एवं बाधाओं से आपको सहज ही मुक्ति मिलने लगेगी.

सम्पत्ति, वाहन सुख हेतु :-

यदि आप जमीन-जायदाद, नजदीकी सगे सम्बन्धियों अथवा वाहन सम्बंधी किसी प्रकार की कोई समस्या/कष्ट का सामना कर रहे हैं, तो इसके लिए सर्वप्रथम दाहिने हाथ की तर्जनी अगुंली में स्वर्ण धातु का एक छल्ला धारण करें एवं तत्पश्चात रात्रि को सवा पाव ( लगभग 300 ग्राम) कच्चा दूध सिरहाने अथवा अपने पलंग के नीचे रखकर सोईये तथा अगले दिन उस दूध को किसी नदी/तालाब/कुँए इत्यादि में विसर्जित कर दें. ऎसा न्यूनतम 7 सोमवार निरन्तर करें तो आपकी समस्या का समाधान स्वत: ही निकलने लगेगा.

दाम्पत्य सुख हेतु:-

यदि आप दाम्पत्य जीवन में व्यवधान यथा पति-पत्नि में विवाद, वैचारिक मतभेद, अशान्ती जन्य किन्ही कष्टों का सामना कर रहे हैं तो उसकी निवृति एवं आपसी सामंजस्य की अभिवृद्धि हेतु आप प्रतिदिन (न्यूनतम 40 दिन) सुगन्धित केवडा मिश्रित जल से भगवान सदाशिव का अभिषेक करें . स्थायी फल प्राप्ति हेतु जीवन में एक बार अपने हाथों किसी उचित स्थान पर 5 फलदार वृक्ष के पौधे अवश्य रौपें .

भय, मानसिक तनाव से मुक्ति हेतु :-

यदि आप किसी वजह से मानसिक तनाव में रहते हैं अथवा किसी अज्ञात भय से पीडित हैं, अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं तो उसके लिए अपने घर में लाल रंग के पुष्प उत्पन्न करने वाले पौधे लगायें तथा प्रतिदिन प्रात:काल अपने सिर को लाल वस्त्र से ढककर कुशा, रौली मिश्रित जल से सूर्यदेव को अर्घ्य दें.