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Friday, January 11, 2019

Celebrities Gemstones, 7 Celebrities Who Wear Gemstones for Good Luck Gemstones




You need to be really lucky and talented to be as successful as some of the A-list Bollywood celebrities.
 Ever wondered how these celebrities got so lucky? Some were born into influential families of Bollywood while the rest went through various phases of struggle to reach the top. But if you notice, there’s one thing that’s common with these celebrities and it is their love for gemstones.

Wednesday, January 9, 2019

लहसुनिया रत्न | Lehsunia Stone

 Cat Eye gemstone benefits in hindi – लहसुनिया केतु का रत्‍न है जो कि बेहद चमकीला होता है।


लहसुनिया का हर राशि पर प्रभाव
लहसुनिया हर राशि पर अलग-अलग प्रकार से कार्य करता है। 
मेष- यदि इस राशि के जातकों की कुंडली में केतु पांचवें, छठे, नौवें या बारहवें भाव में है तो उन लोगों को लहसुनिया धारण कर लेना चाहिए। यह पत्थर विशेष रूप से तब पहनना चाहिए, जब केतु जन्म कुंडली में एक निर्णायक स्थिति में हो। रत्न की उपयुक्तता का परीक्षण करने के लिए उसका कम से कम तीन दिन तक परीक्षण ज़रूर करें।

वृषभ- यदि केतु आपकी कुंडली में नवम या एकादश भाव में स्थित हो तो इस राशि के जातकों को लहसुनिया ज़रूर पहनना चाहिए। आपको भी यह रत्न तीन दिन पहन कर ज़रूर देखना चाहिए।

मिथुन- इस राशि के जातकों को लहसुनिया तब ही पहनना चाहिए जबकि केतु नवम, दशम या एकादश भाव में स्थित हो। आपको भी इस रत्न को पहनने के लिए तीन दिन का प्रशिक्षण ज़रूर करना चाहिए।

कर्क- कर्क राशि के जातकों की कुंडली में यदि केतु छठे, नौवें या ग्यारहवें भाव में स्थित है तो आप भी इस रत्न को धारण कर सकते हैं। शुरू में इस रत्न को तीन दिन पहनकर ज़रूर देखें।


सिंह- यदि आपकी कुंडली में केतु अष्टम, नवम व एकादश भाव या फिर किसी संदिग्ध स्थिति में है तो 

आपको लहसुनिया रत्न धारण कर लेना चाहिए। रत्न का असर जानने के लिए तीन दिन का ट्रायल ज़रूर करें और तभी जारी रखें जबकि प्रभाव शुभ हो।





कन्या- कन्या राशि के जातक जिनकी जन्म कुंडली में केतु चतुर्थ, नवम व तृतीय भाव में स्थित है, या फिर केतु हावी है तो वो लोग लहसुनिया रत्न धारण कर सकते हैं। लेकिन रत्न को पूरी तरह से अपनाने से पहले तीन दिन पहन कर उसके प्रभाव पर नज़र डालें।


तुला- जब केतु कुंडली में द्वितीय, तृतीय या फिर एकादश भाव में हो या हावी हो, ऐसी स्थिति में इस राशि के जातकों को लहसुनिया धारण कर लेना चाहिए। तीन दिन का ट्रायल अवश्य करें।


वृश्चिक- वृश्चिक राशि के जातक केवल तब ही लहसुनिया रत्न धारण कर सकते हैं, जब आपकी कुंडली में केतु द्वितीय, दशम या एकादश भाव में हो या फिर हावी हो। शुरू में तीन दिन इस रत्न का परीक्षण ज़रूरी है।


धनु- केतु के संदिग्ध या द्वितीय, चतुर्थ, नवम या द्वादश भाव में स्थित होने पर धनु राशि के जातक इस रत्न को धारण कर सकते हैं। आपके लिए भी तीन दिन का ट्रायल आवश्यक है।



मकर- मकर राशि के जातकों की कुंडली में यदि केतु दूसरे, चौथे, नौवें या बारहवें भाव में है या फिर किसी प्रभावित स्थान पर है तो आपको लहसुनिया रत्न धारण कर लेना चाहिए। तीन दिन तक रत्न के प्रभाव को ज़रूर देखना चाहिए।
कुंभ- आपकी कुंडली में यदि केतु द्वितीय, दशम या एकादश भाव में स्थित हो या फिर मज़बूत हो तो आपको लहसुनिया धारण कर लेना चाहिए। रत्न धारण करने से पहले तीन दिन का परीक्षण ज़रूर कर लें।
मीन-आप इस रत्न को केवल तब ही धारण कर सकते हैं जबकि आपकी कुंडली में केतु द्वितीय, नवम या दशम भाव में स्थित हो या फिर कुंडली में हावी हो। शुरू में तीन दिन तक ट्रायल करें, यदि उसका प्रभाव अच्छा दिखें, तब ही केवल उसे पहने रखें।