सर्वाष्टकवर्ग कुंडली कैसे देखा जाता है
अष्टकवर्ग विद्या में ‘सर्वाष्टकवर्ग’ एक ऐसा वर्ग या कुंडली है जिसकी मदद से फलकथन करना बेहतर व सटीक होता है। ‘सर्वाष्टकवर्ग’ कुंडली कंप्यूटर की मदद से आसानी से बनाई जा सकती है। सर्वाष्टकवर्ग (Sarvashtakavarga) वैदिक ज्योतिष का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो किसी कुंडली के बारह भावों (घरों) में ग्रहों और लग्न की शक्ति का विश्लेषण करता है। यह व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे धन, स्वास्थ्य, विवाह, और करियर में सफलता को समझने के लिए उपयोगी है।
इस प्रणाली में प्रत्येक ग्रह और लग्न अपने-अपने "अष्टकवर्ग" बनाते हैं, और सभी ग्रहों के अष्टकवर्गों का योग सर्वाष्टकवर्ग कहलाता है। कुछ कुंडलियों का सर्वाष्टकवर्ग की कसौटी पर विश्लेषण करने पर सर्वाष्टकवर्ग से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए जो इस प्रकार हैं।
यदि 11वें भाव के बिंदुओं की संख्या 10वें भाव के बिंदुओं से अधिक हो तो कम परिश्रम से अधिक आय होती है और जातक उन्नति करता है। यह अंतर जितना अधिक होता है उतनी ही ज्यादा उन्नति होती है
सर्वाष्टकवर्ग को कैसे देखा और समझा जाता है?
यह बहुत यांत्रिक है लेकिन बहुत तकनीकी है। यदि आप इसे समझ लेते हैं, तो आप बिना किसी विश्लेषण या नियमों पर विचार किए भविष्यवाणियां कर सकते हैं। जबकि ज्योतिष की अन्य सभी विधियों के लिए व्यक्तिगत विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है और संयोजनों का विश्लेषण और व्याख्या करने के लिए ज्योतिषी की आवश्यकता होती है, अष्टकवर्ग 2+2 जितना ही सरल है। हालाँकि, यह इंटीग्रल कैलकुलस जितना ही थकाऊ है .सर्वाष्टकवर्ग को समझने के लिए निम्नलिखित कदम महत्वपूर्ण हैं: Consult For Personal readings
1. अष्टकवर्ग प्रणाली का परिचय
- अष्टकवर्ग: प्रत्येक ग्रह और लग्न 12 राशियों (भावों) में बिंदु (Points) देते हैं। ये बिंदु बताते हैं कि संबंधित ग्रह का प्रभाव उस राशि/भाव पर कितना मजबूत है।
- बिंदु गणना:
- कुल 337 बिंदु होते हैं।
- प्रत्येक ग्रह अधिकतम 56 बिंदु तक दे सकता है।
- लग्न के लिए 52 बिंदु होते हैं।
2. सर्वाष्टकवर्ग का चार्ट
सर्वाष्टकवर्ग का चार्ट 12 राशियों (या भावों) में कुल बिंदुओं को दर्शाता है। इसे देखने के लिए:
- राशि/भाव के अनुसार बिंदु देखें।
- उच्च बिंदु (30+) = शुभ प्रभाव।
- निम्न बिंदु (25 से कम) = अशुभ प्रभाव।
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3. जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर प्रभाव
सर्वाष्टकवर्ग के बिंदु यह बताते हैं कि जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता और बाधाएं कैसी होंगी:
- पहला भाव (लग्न): स्वास्थ्य और आत्मविश्वास।
- दूसरा भाव: धन और परिवार।
- सातवां भाव: विवाह और साझेदारी।
- दसवां भाव: करियर और ख्याति।
4. चंद्र और लग्न अष्टकवर्ग
- चंद्र और लग्न अष्टकवर्ग का विशेष महत्व होता है क्योंकि यह मानसिक और भौतिक जीवन को दर्शाता है।
- इनका उपयोग करके भावों की मजबूती और कमजोरियों का पता लगाया जाता है।
सर्वाष्टकवर्ग देखने के उपाय
सर्वाष्टकवर्ग कुंडली को देखने और समझने के लिए निम्नलिखित प्रक्रियाएं अपनाई जाती हैं:
1. बिंदुओं की गणना
- सर्वाष्टकवर्ग में प्रत्येक ग्रह और लग्न द्वारा दिए गए बिंदुओं को जोड़ें।
- उदाहरण:
- पहला भाव = 32 बिंदु
- दूसरा भाव = 25 बिंदु
- दसवां भाव = 40 बिंदु (सबसे शुभ)
- राज योग : अष्टकवर्ग योग भी होते हैं। इनमें सबसे प्रसिद्ध यह है कि यदि 10वें भाव में 11वें भाव से कम अष्टकवर्ग अंक हों और 12वें भाव में 11वें भाव से कम अंक हों तो व्यक्ति सुखमय जीवन व्यतीत करता है। इसी तरह जीवन का कौन सा भाग, जीवन का कौन सा पहलू आदि व्यक्ति के लिए श्रेष्ठ रहेगा, इसके बारे में भी कई योग हैं।
2. भावों का विश्लेषण
- जिस भाव में अधिक बिंदु हैं, वह जीवन के उस क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम देता है।
- कम बिंदु वाले भाव संघर्ष और बाधाओं को दर्शाते हैं।
3. शुभ-अशुभ ग्रहों का प्रभाव
- शुभ ग्रहों (जैसे गुरु, शुक्र) के उच्च बिंदु जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जाते हैं।
- अशुभ ग्रह (जैसे शनि, राहु) के कम बिंदु संघर्ष का संकेत देते हैं।
निष्कर्ष
कुंडली और जीवन का निर्णय। जिस तरह आपकी कुंडली आपके जीवन के बारे में समग्र रूप से बता सकती है, उसी तरह अष्टकवर्ग प्रणाली आपको बता सकती है कि कौन से ग्रह और कौन से वर्ष आपके लिए सबसे अधिक फलदायी होंगे। यह लगभग वह सब कुछ बता सकती है जो कुंडली बता सकती है।
- यदि किसी भाव में 30 से अधिक बिंदु हैं, तो उस क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी।
- 25 से कम बिंदु संघर्ष और बाधाओं का संकेत देते हैं।
- बीच के बिंदु (25-30) सामान्य परिणाम दर्शाते हैं।
- जब आपके लग्न में 44 अंक हों तो यह अच्छा है और आप कई कठिनाइयों पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। यदि आपका लग्न स्वामी अच्छी स्थिति में है तो निश्चित रूप से यह एक अतिरिक्त लाभ होगा। ध्यान दें कि जब भी केंद्र स्वामी और कोना स्वामी लग्न के माध्यम से पारगमन करते हैं तो उन्हें शक्ति प्राप्त होती है। यदि आपकी दशा अवधि अच्छी है तो निश्चित रूप से यह एक आशीर्वाद होगा। आपके चार्ट में ग्रहों की स्थिति के अनुसार अंकों का वितरण भिन्न होता है लेकिन सभी घरों की कुल संख्या नहीं बदलती है।
सर्वाष्टकवर्ग के लाभ
- जीवन का व्यापक विश्लेषण: यह जीवन के सभी क्षेत्रों पर ग्रहों के प्रभाव को समझने में मदद करता है।
- भविष्यवाणी की सटीकता: सर्वाष्टकवर्ग से व्यक्ति की जन्म कुंडली का सटीक अध्ययन किया जा सकता है।
- उपायों का सुझाव: कमजोर भावों के लिए उपाय बताए जा सकते हैं, जैसे मंत्र जाप, रत्न धारण, और पूजा।
निष्कर्ष
सर्वाष्टकवर्ग कुंडली ज्योतिषीय विश्लेषण का एक शक्तिशाली उपकरण है। यह जीवन के विभिन्न पहलुओं में ग्रहों की शक्ति और उनके प्रभाव को गहराई से समझने का अवसर प्रदान करता है। यदि सही तरीके से इसका अध्ययन किया जाए, तो यह जीवन में आने वाले अवसरों और चुनौतियों का पूर्वानुमान लगाने में बेहद सहायक होता है।