खरमास क्यों लगता है
खरमास क्यों लगता है?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य देव जब देव गुरु बृहस्पति की राशि में प्रवेश करते हैं तो उनका तेज कम हो जाता है. इस वजह से लोग इस दौरान कोई मांगलिक कार्य नहीं करते हैं. हालांकि यह भी तर्क दिया जाता है कि सूर्य देव अपने गुरु की सेवा करने लगते हैं और वे किसी मांगलिक कार्य में उपस्थित नहीं होते हैं. मांगलिक कार्यों में नवग्रहों की पूजा होती है, उनके लिए हवन करते हैं. जब ग्रहों के राजा सूर्य ही उपस्थित नहीं होंगे तो मांगलिक कार्य कैसे होंगे. इस वजह से जब भी सूर्य देव बृहस्पति की राशियों मीन और धनु में आते हैं तो खरमास लग जाता है.
सूर्य देव को ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का राजा माना गया है। वे सौर मंडल के केंद्र में स्थित हैं और सभी ग्रह उन्हीं के चारों ओर परिक्रमा करते हैं। सूर्य का महत्व केवल ज्योतिष में ही नहीं, बल्कि हमारे जीवन में भी अत्यधिक है। यह शक्ति, ऊर्जा, आत्मबल और आत्मविश्वास का प्रतीक माने जाते हैं। सूर्य 12 राशियों में क्रमवार गोचर करते हैं, और उनका यह गोचर प्रत्येक राशि पर अलग-अलग प्रभाव डालता है। यह प्रभाव कभी शुभ फल प्रदान करता है तो कभी अशुभ फल भी दे सकता है।
सूर्य का गोचर आपके स्वास्थ्य, करियर, धन-संपत्ति, पारिवारिक जीवन और व्यक्तित्व पर गहरा असर डाल सकता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य मजबूत होता है, वह उच्च पद प्राप्त करता है, समाज में मान-सम्मान पाता है और नेतृत्व क्षमता से भरपूर होता है। वहीं, यदि सूर्य कमजोर या नीच का हो, तो आत्मविश्वास की कमी, स्वास्थ्य समस्याएं और करियर में रुकावटें देखने को मिल सकती हैं।
सूर्य के गोचर से जुड़े शुभ प्रभावों में उन्नति, नई ऊर्जा, प्रतिष्ठा, और आत्मबल में वृद्धि शामिल है। वहीं अशुभ प्रभावों में अहंकार, क्रोध, स्वास्थ्य समस्याएं और रिश्तों में खटास आ सकती है।
सूर्य की स्थिति और गोचर के आधार पर व्यक्ति की कुंडली में योग बन सकते हैं जैसे राजयोग या विपरीत परिस्थितियों में अरिष्ट योग। इसलिए ज्योतिषीय दृष्टिकोण से सूर्य की स्थिति और उनके गोचर को समझना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
यदि आप सूर्य के गोचर और उसके आपके जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जानना चाहते हैं, तो अपनी जन्म कुंडली का विश्लेषण करवाना लाभदायक होगा।
खरमास के दौरान इन चीजों से करें परहेज
खरमास के दौरान हिंदू समुदाय में कुछ खास कामों पर पूरी तरह से रोक होती है। इस एक महीने तक लोग कोई भी नया काम शुरू नहीं करते हैं या यूं कहें कि इस दौरान कोई भी नई शुरुआत करना शुभ नहीं माना जाता है। यहां हम आपको कुछ ऐसे काम बता रहे हैं जिन्हें आपको इस अशुभ अवधि में करने से बचना चाहिए:
- खरमास शुरू होते ही मकान या अन्य किसी भवन का निर्माण कार्य शुरू नहीं करना चाहिए। इसके लिए कच्चा माल खरीदने से भी परहेज करना चाहिए।
- विवाह समारोह, गृह प्रवेश, सगाई जैसे शुभ अवसरों से भी परहेज किया जाता है।
- किसी भी प्रकार की संपत्ति या जमीन खरीदने से भी बचना चाहिए।
- यह समयावधि नये वाहन खरीदने के लिए अच्छी नहीं मानी जाती।
मान्यता है कि खरमास के आखिरी दिन दान-पुण्य करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। दान के रूप में आप जरूरतमंद लोगों को भोजन, गुड़ और कपड़े दे सकते हैं।
खरमास के दौरान नई शुरुआत करने से क्यों बचें?
ऐसा माना जाता है कि खरमास का समय अशुभ होता है, इसलिए खरमास के दौरान कोई भी नई शुरुआत करने से शुभ फल नहीं मिलते हैं। इसलिए इस महीने के खत्म होने के बाद ही नई शुरुआत करनी चाहिए। जो लोग खरमास का पालन नहीं करते हैं, उन्हें दुर्भाग्य का सामना करना पड़ता है।