मां दुर्गा के 9 नाम कौन कौन से हैं
प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी।
तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम् ।।
पंचमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च।
सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम् ।।
नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा: प्रकीर्तिता:।
उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्मणैव महात्मना ।।
मां दुर्गा के 9 नाम हैं, जो नवदुर्गा के नाम से भी जाने जाते हैं। ये नाम हैं:Click below Links to read in Depth with mantra, puja, vidhi and aarti in different languages
इन 9 नामों के पीछे मां दुर्गा के अलग-अलग रूप और शक्तियां हैं। प्रत्येक नाम एक अलग गुण और विशेषता का प्रतीक है।
- शैलपुत्री: यह नाम मां दुर्गा के पहाड़ों की पुत्री होने का प्रतीक है।
माँ शैलपुत्री की पूजा में कौन से मन्त्र का जाप करें?
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम: मन्त्र के जाप से आप माँ दुर्गा के पहले स्वरुप माँ शैलपुत्री की आराधना कर सकते हैं ।
नवरात्रि की प्रतिपदा को पहनें सफेद रंग के कपड़े :
- ब्रह्मचारिणी: यह नाम मां दुर्गा के ब्रह्मचर्य और ज्ञान का प्रतीक है।
माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा में कौन से मन्त्र का जाप करें?
'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम:' मन्त्र के जाप से आप माँ दुर्गा के दूसरे स्वरुप माँ ब्रह्मचारिणी का आवाहन कर सकते हैं ।
नवरात्रि की द्वितीया को पहनें लाल रंग के कपड़े :
द्वितीया लाल रंग क्रिया और शक्ति का प्रतीक है। यह देवी के उग्र रूप का प्रतीक है।
- चंद्रघंटा: यह नाम मां दुर्गा के माथे पर चंद्रमा और उनके घंटे की शक्ति का प्रतीक है।
माँ चंद्रघंटा की पूजा में कौन से मन्त्र का जाप करें?
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चन्द्रघंटायै नम: मन्त्र के जाप से आप माँ दुर्गा के तीसरे स्वरुप माँ चंद्रघंटा का आवाहन कर सकते हैं ।
नवरात्रि की तृतीया को पहनें शाही नीला रंग के कपड़े :
तृतीया: रॉयल ब्लू शांति और गहरे नीले आकाश की गहराई का प्रतीक है। यह देवी के पास ज्ञान की गहराई का प्रतिनिधित्व है।
- कूष्मांडा: यह नाम मां दुर्गा के ब्रह्मांड की रचना करने की शक्ति का प्रतीक है।
माँ कूष्मांडा की पूजा में कौन से मन्त्र का जाप करें?
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै नम: के जाप से आप माँ दुर्गा के चौथे स्वरुप माँ कूष्मांडा की आराधना कर सकते हैं ।
नवरात्रि की चतुर्थी को पहनें पीला रंग के कपड़े :
चतुर्थी: पीला रंग खुशी, ब्राइटनेस और जयकार का रंग है, जो कि देवी के लक्षण हैं।
- स्कंदमाता: यह नाम मां दुर्गा के कार्तिकेय (स्कंद) की माता होने का प्रतीक है।
स्कंदमाता की पूजा में कौन से मन्त्र का जाप करें?
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं स्कंदमातायै नम: के जाप से आप माँ दुर्गा के पाँचवें स्वरुप माँ स्कंदमाता का आवाहन कर सकते हैं ।
नवरात्रि की पंचमी को पहनें हरा रंग के कपड़े :
पंचमी:हरा रंग हर क्षेत्र में सफलता के लिए आवश्यक वृद्धि और उर्वरता का प्रतीक है।
- कात्यायनी: यह नाम मां दुर्गा के ऋषि कात्यायन की पुत्री होने का प्रतीक है।
माँ कात्यायनी की पूजा में कौन से मन्त्र का जाप करें?
ॐ क्रीं कात्यायनी क्रीं नम: के जाप से आप माँ दुर्गा के छठें स्वरुप माँ कात्यायनी का आवाहन कर सकते हैं ।
नवरात्रि की षष्ठी को पहनें स्लेटी रंग के कपड़े :
षष्टी: ग्रे रंग संतुलन का प्रतिनिधित्व करता है।
- कालरात्रि: यह नाम मां दुर्गा के अंधेरे और मृत्यु पर विजय का प्रतीक है।
माँ कालरात्रि की पूजा में कौन से मन्त्र का जाप करें?
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कालरात्र्यै नम: जाप से आप माँ दुर्गा के सातवें स्वरुप माँ कालरात्रि की पूजा कर सकते हैं
नवरात्रि की सप्तमी को पहनें नारंगी रंग के कपड़े :
सप्तमी: संतरा रंग प्रकाश और ऊर्जा का प्रतीक है।
- महागौरी: यह नाम मां दुर्गा के सौंदर्य और शांति का प्रतीक है।
माँ महागौरी की पूजा में कौन से मन्त्र का जाप करें?
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महागौर्ये नम के जाप से आप माँ दुर्गा के आठवें स्वरुप माँ महागौरी की पूजा कर सकते हैं ।
नवरात्रि की अष्टमी को पहनें पीकॉक ग्रीन रंग के कपड़े :
अष्टमी: पीकॉक ग्रीन विशिष्टता और वैयक्तिकता का प्रतिनिधित्व करता है।
- सिद्धिदात्री: यह नाम मां दुर्गा के सभी सिद्धियां प्रदान करने की शक्ति का प्रतीक है।
माँ सिद्धिदात्री की पूजा में कौन से मन्त्र का जाप करें?
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सिद्धिदात्र्यै नम के जाप से आप माँ दुर्गा के नौवें स्वरुप माँ सिद्धिदात्री की पूजा कर सकते हैं ।
नवरात्रि की नवमी को पहनें गुलाबी रंग के कपड़े :
नवमी: गुलाबी रंग प्यार, स्नेह और एकता का प्रतीक है।
नवदुर्गा के ये 9 नाम मां दुर्गा की शक्ति और दया के विभिन्न रूपों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
Conclusions
माँ दुर्गा के 9 रूप जिन्हें हम नव दुर्गा कहते हैं, ये दुर्गा माता अर्थात शक्ति की महानता के बारे में बताते हैं। शक्ति माता को दुर्गमासुर का वध करने की वजह से दुर्गा कहा जाता है। नवरात्रि के यह नौ दिन शारदीय नवरात्रे मां की आराधना का पर्व है यह पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यह पर्व मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को समर्पित है । यह त्यौहार 1 वर्ष में दो बार मनाया जाता है पहला मार्च और दूसरी बार अक्टूबर में मनाते है।