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Monday, September 9, 2019

प्रश्न कुण्डली में प्रेम विवाह



प्रश्न कुण्डली में प्रेम विवाह 


म विवाह के लिए ग्रह स्थिति (Astrological combinations for love marriage)
कुण्डली में जब प्रेम विवाह के विषय में ग्रह स्थिति का विचार किया जाता है तब पांचवें, सातवें और ग्यारहवे भाव तथा इस भाव के स्वामी की स्थिति को भी देखा जाता है. कुण्डली में गुरू की स्थिति से प्रेम का विचार किया जाता है (Jupiter is analysed to predict love) जबकि शु्क्र से प्रेम विवाह को देखा जाता है. कुण्डली में पंचम भाव अथवा पंचमेश, सप्तम भाव सप्तमेश और लग्न एवं लग्नेश प्रेम विवाह को सफल बनाते हैं. कुण्डली में अगर ये भाव और भाव स्वामी कमजोर अथवा पीड़ित हों तो प्रेम विवाह में बाधाओं का सामना करना होता है.



प्रश्न कुण्डली में प्रेम विवाह की स्थिति देखें (Love marriage in prashna kundali)
प्रश्न कुण्डली जब प्रेम विवाह के विषय मे पूछा जाता है तब कुण्डली में अगर पंचम भाव का स्वामी, सप्तम का स्वामी, एकादश का स्वामी अपनी राशि में बैठा हो तो इसे प्रेम विवाह सफलता पूर्वक होने का सूचक समझना चाहिए (If eleventh lord is in its sign it suggests love marriage). पंचम भाव का स्वामी अगर सप्तमेश के साथ कुण्डली के किसी भाव में बैठा हो और ग्यारहवें भाव का स्वामी इस युति को देखता है तो इसे भी प्रेम विवाह का संकेत कहा जा सकता है. पंचम का स्वामी अगर सातवें घर में बैठा हो और सातवें का स्वामी पंचवें घर में बैठा हो और पांचवें अथवा सातवें घर पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो विशेषकर ग्यारहवें भाव के स्वामी की दृष्टि हो तो प्रेम विवाह संभावना प्रबल बनती है.



प्रश्न कुण्डली से प्रेम विवाह की कुण्डली का उदाहरण (Example of love marriage from Prashna Kundali)


प्रवेश और सोनिया साथ काम करते हैं और एक दूसरे को पसंद करते हैं. प्रवेश ने जब अपने घर में सोनिया से शादी की बात की तो घर के लोग ने विरोध जताया. इस स्थिति में प्रवेश को लगने लगा कि उनकी शादी सोनिया से नहीं हो पाएगी. प्रवेश ने 27 मई 2009 को शाम के 5 बजकर 38 मिनट पर प्रश्न कुण्डली से सवाल किया कि क्या प्रेम विवाह संभव है. प्रश्न की कुण्डली में लग्न तुला आया जिसका स्वामी शुक्र है. राशि है मिथुन जिसका स्वामी है शुक्र. नक्षत्र है पुनर्वसु जिसका स्वामी गुरू है (Lord of Punarvasu is Jupiter). कुण्डली में प्रेम का कारक गुरू पंचम भाव में बैठा है जो नक्षत्र का भी स्वामी है. लग्नेश शुक्र गुरू की राशि में बैठा है जिससे प्रेम विवाह में काफी विरोध का सामना करना पड़ सकता है. ग्यारहवें भाव में शनि की उपस्थिति सिंह राशि में होना भी कठिनाईयों का संकेत है. फिर भी इस बात की प्रबल संभावना है कि प्रवेश का प्रेम सफल होगा. प्रवेश सोनिया को जीवनसाथी के रूप में प्राप्त कर सकेंगे क्योंकि सप्तमेश मंगल बुध के स्वराशि मेष में बैठा है.