Search This Blog

Friday, April 29, 2022

पति-पत्नी के खराब रिश्तों की वजह उनकी कुंडली में मौजूद ग्रह भी हो सकते हैं. जब वर-वधु के ग्रहों की दशा बिगड़ने लगे तब शादी जैसा पवित्र बंधन भी कमजोर पड़ने लगता ह

 


पति-पत्नी के खराब रिश्तों की वजह उनकी कुंडली में मौजूद ग्रह भी हो सकते हैं. जब वर-वधु के ग्रहों की दशा बिगड़ने लगे तब शादी जैसा पवित्र बंधन भी कमजोर पड़ने लगता ह



तलाक के लिए जिम्मेदार ग्रहों की स्थिति 

  • जब कुंडली में मौजूद गुरू में शुक्र की दशा चल रही हो या शुक्र में गुरू की दशा चल रही हो तो पति-पत्नी का रिश्ता खराब होना शुरू हो जाता है. 
  • वर-वधु की कुंडली में जब शनि सप्तम भाव में चला जाता है तब रिश्ते टूटने की कगार पर पहुंच जाते हैं. 
  • वर या वधु की कुंडली के सप्तम या अष्टम भाव में जब कोई शैतान ग्रह पहुंच जाता है तो वह रिश्ता टूटने लगता है. 
  • इसके अलावा कुंडली के चौथे भाव का स्वामी छठे भाव में चला जाए या छठे भाव का स्वामी चौथे भाव में चला जाए तो ऐसी स्थिति में भी तलाक की आशंका बढ़ जाती है. 
  • इसके साथ ही जब जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह मूल, ज्येष्ठा, कृत्तिका या आर्द्रा नक्षत्र में मौजूद हो तो रिश्ता टूटने का खतरा रहता ह